हडको एक प्रमुख तकनीकी-वित्तीय संस्थान के रूप में भारत सरकार के विभिन्न मिशन
कार्यक्रमों में समग्र रूप से शामिल रहा है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के
तकनीकी अंगों में से एक, हडको ने आवास एवं शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न
कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वर्तमान में प्रधान मंत्री आवास योजना - शहरी (PMAY-Urban) की “सबके लिए मकान” की मिशन योजना में कार्यरत है।
(
https://pmay-urban.gov.in/about)
- प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) की ओर से कार्यान्वित, भारत सरकार का अग्रणी
मिशन, प्रधान मंत्री आवास योजना - शहरी (PMAY-Urban) को 25 जून 2015 को आरंभ
किया गया था। यह मिशन निम्नलिखित चार कार्यक्षेत्रों के माध्यम से झुग्गी-झोपड़ीवासियों
सहित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न / मध्यम आय वर्ग की शहरी आवास की कमी
को पूरा करता है :
- भूमि का संसाधन के रूप में उपयोग करके “स्व- स्थाने” स्लम पुनर्विकास (ISSR)
- ऋण आधारित ब्याज सब्सिडी योजना (CLSS)
- भागीदारी में किफायती आवास (AHP)
- लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास का निर्माण अथवा विस्तार (BLC-
New/Enhancement)
-
- हडको की भूमिका
पीएमएवाई-शहरी (PMAY-Urban) के तहत हडको को एनएचबी (NHB) और स्टेट बैंक ऑफ
इंडिया (SBI) के साथ एक केंद्रीय नोडल एजेंसी (CNA) के रूप में नामित किया गया है I
इसके अंतर्गत लाभार्थियों को प्रमुख ऋण संस्थानों (जैसे, बैंक और आवास वित्त कंपनी) के
माध्यम से सब्सिडी देने का कार्य चैनलाइज़ किया जा रहा है और योजना की प्रगति की
निगरानी तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा
रहा है I
पीएमएवाई-शहरी के अन्य तीन कार्यक्षेत्रों अर्थात् – “स्व- स्थाने” स्लम पुनर्विकास (ISSR), ऋण
आधारित ब्याज सब्सिडी योजना (CLSS), भागीदारी में किफायती आवास (AHP) और लाभार्थी
आधारित व्यक्तिगत आवास का निर्माण अथवा विस्तार (BLC- New/Enhancement) के संबंध
में हडको को विश्लेषण व जांच (दस्तावेज़ी और यथा स्थान) करने का कार्य सौंपा गया है।
इसके अतिरिक्त हडको ने गत वर्षों में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के द्वारा कार्यवान्वित
किये गए भारत सरकार के कार्यक्रमों के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आवासन
और शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में योगदान दिया है, जैसे;
-
- तकनीकी सहायता और परामर्श गतिविधियाँ:
- राज्य सरकारों से प्राप्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) का मूल्यांकन और
समीक्षा व जांच
- परियोजनाओं के निष्पादन के दौरान या पूरा होने के बाद इनका निरीक्षण।
- उपयोगिता प्रमाणपत्रों की स्वीकृति और सरकारी सब्सिडी की रूटिंग
- डीपीआर तैयार करने के दिशानिर्देशों और परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी)
दिशानिर्देशों आदि को निरुपित करने में सहायता
- JnNURM के अंतर्गत “बीएसयूपी/ आईएचएसडीपी (BSUP/IHSDP) योजनाओं की
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए टूलकिट” से सम्बन्धित बुकलेट
तैयार करते हुए दिशानिर्देशों एवं विविध प्रारूपों और जाँच सूचियों को निरुपित करने
में सहायता देना तथा “उत्कृष्ट अभ्यासों को प्रदर्शित करने वाले डिजाइन मैनुअल” का
प्रकाशन करना
- भारत सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के तहत राज्य सरकारों/कार्यान्वयन एजेंसियों को
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने में सहायता
- अन्य निरीक्षण और निगरानी एजेंसियों की ओर से प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट के विश्लेषण
के साथ यथा स्थान निरीक्षण
- सबके के लिए मकान, स्लम मुक्त शहर आदि योजना तैयार करने के लिए राज्यों को
परामर्शी सेवाएं/हैंडहोल्डिंग सहायता
- तैयार/प्रगतिशील रैनबसेरों का निरीक्षण
- “शहरी बेघरों के लिए आश्रय” के तहत चार जलवायु क्षेत्रों (अर्थात; गर्म और शुष्क
जलवायु, समग्र जलवायु, गर्म और आर्द्र जलवायु और ठंडी जलवायु) के लिए रैन बसेरों के
नवीन प्रोटोटाइप डिजाइन तैयार करना
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- वित्तीय गतिविधियां:
- मंत्रालय द्वारा विभिन्न योजनाओं के लिए नामित केंद्रीय नोडल एजेंसी (CNA) और
प्राइम लेंडिंग इंस्टिट्यूट (PLI)
- ऋण सहायता और सरकारी सब्सिडी की रूटिंग और धन का संवितरण
- राज्य सरकार/कार्यान्वयन एजेंसी के अंश का ऋण सहायता – व्यवहार्य अन्तराल निधि
- अतिरिक्त बजटीय सहायता
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- क्षमता निर्माण गतिविधियाँ:
- भारत सरकार मिशन कार्यक्रमों के प्रचार और प्रसार के लिए राष्ट्रीय स्तर, अंचल
स्तर, राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, सेमिनारों/सम्मेलनों के माध्यम
से केंद्रीय/ राज्य/ शहरी स्थानीय निकाय/ बैंक पदाधिकारियों की क्षमता निर्माण में
योगदान देना।