Page 11 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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संदेस्य संहा संचि�व, नंराकासं (उपक्रम) का संंदेश
                                                                                               े


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                      हमं योंह जानाकार अत्यती हर्षष हं रहा ह फिका हाउश्चिसंगा एण्ड अबंषना डवंलपमंट काॉपोरशीना श्चिलफिमटड, क्षेत्रीीयों
                                                                                              े
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                      काायोंालयों, कांलकाातीा द्वाारा फिहंदेी गाृह पफित्रीकाा (वंर्षष : 2024-25, अका-4) काा प्रकााशीना फिकायोंा जा रहा
                                                                            ं
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                      ह। योंह पफित्रीकाा राजभाार्षा फिहंदेी का प्रचार-प्रसार का साथ-साथ ज्ञाानावं�षका, प्रेरणाादेायोंका और समसामफियोंका
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                                                            े
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                      फिवंर्षयोंंं कां समाफिहती कारतीे हुए एका सशी� मच प्रदेाना कार रही ह।
                           पफित्रीकाा मं राजभाार्षा फिहंदेी, प्रशीासफिनाका काायोंं, तीकानाीकाी नावंाचारंं, सामाश्चिजका सरंकाारंं, साफिहत्य,
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                                                                                                    ू
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                      सस्कूफिती, खेल-कादे, स्वच्छतीा अश्चिभायोंाना, सतीकातीा जागारूकातीा और मफिहला सशीफि�कारणा से जड़ा महत्वपणाष
                                                                                              े
                                                                                             ु
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                      आलेख और रचनााए सक्ट्म्माश्चिलती ह। फिवंशीर्ष रूप से, इंसमं हडकां द्वाारा पश्चि�म बंगााल और श्चिसफि�म मं
                                                                                     ं
                                                                 े
                      फिवंत्तपंफिर्षती योंंजनााओंं काी झलफिकायोंा, आफिटषफि�श्चिशीयोंल इंटश्चिलजंस और मशीीना लफिनागा पर शीं�पणाष आलेख,
                                                                ं
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                      सरकाारी काायोंं मं फिहंदेी काी भाफिमकाा, फिवंश्चिजलंस और ई-गावंनांस काी महत्ता, पयोंाषवंरणा सरक्षणा, प्लााश्चि�का
                                                                                         ं
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                      प्रदेूर्षणा, स्वच्छतीा अश्चिभायोंाना, खेल और स्वास्थ् से जड़ा फिवंर्षयोंंं कां प्रभाावंी ढांगा से प्रस्तती फिकायोंा गायोंा
                                                                                 �
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                      ह। इंसका अफितीरिर�, पफित्रीकाा मं महापुरुर्षंं का जीवंना देशीषना, कााव्य रचनााए और अनाभावंी लेखकांं का
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                                                                                                      े
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                      प्रेरणाादेायोंका योंात्रीा-वंत्तांती भाी सक्ट्म्माश्चिलती ह, जं इंसे और अश्चि�का रंचका तीथा पठनाीयों बंनाातीे ह।
                                                                         ं
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                           योंह पफित्रीकाा कावंल एका प्रकााशीना ना हंकार फिहंदेी भाार्षा का सवं�षना एवं काायोंालयोंीना काायोंं मं इंसका
                                                                                     ष
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                      व्यापका उपयोंंगा कां प्रंत्सााफिहती कारनाे काी फिदेशीा मं एका महत्वपणाष प्रयोंास ह। योंह फिनास्संदेह फिहंदेी प्रफिमयोंंं,
                                                                                        ं
                                                                                  ृ
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                      कामषचारिरयोंंं और पाठकांं का श्चिलए प्रेरणाास्रोंती बंनागाी। मं इंस सारगाश्चिभाती और उत्कृष्टा प्रयोंास का श्चिलए हडकां,
                                                                                           े
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                      कांलकाातीा क्षेत्रीीयों काायोंालयों काी परी टीम कां हाफिदेषका बं�ाई एवं शीुभाकाामनााए देतीा हूँ और आशीा कारतीा हूँ  �
                                                                                   े
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                      फिका योंह पफित्रीकाा भाफिवंष्य मं भाी इंसी प्रकाार अपनाी ज्ञाानावं�षका योंात्रीा कां आगाे बंढ़ाातीी रहगाी।
                                                                                        े

                                                                                             रााजेश संा�
                                                            सदेस्य सह सश्चिचवं, नाराकाास (उपक्रम), कांलकाातीा
                                                                       ं
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                                             वं प्रबं�का (राजभाार्षा), कांल इंफिडयोंा श्चिलफिमटड, मुख्याालयों कांलकाातीा
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                                                        े
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                               "हिंहंदेी भााषाा अपनी अनकें �ाराओं कें सााथ प्रशास्त क्षेेत्र मं प्रखार गनित साे प्रकेंाशिशात हो रही
                                                      �
                                                                    े
                                                     ह।" - छोनिवनाथ पा�डेय
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 चि�रई, अंंक-4                                                                                हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
 वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025                                                                  क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
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