Page 11 - Lakshya
P. 11

े
                                                                               े
                                                                                      े
                       हडको क्षेत्रीय कायाषलय, चडीगढ़ की दहन्दी गृह पत्रत्रका ‘लक्ष्य’ क अगल अंक को आपक समक्ष
                                             ं
                                 े
                                                                         े
                       प्रथतुत करत हए हम अत्यन्त ही हर्ष का अनुभि कर रह हैं  पत्रत्रका क इस अंक को भी हमने
                                                                                      े
                                    ु
                                                                                                           े
                                          ं
                                                                                       ं
                                                    ष
                                              ं
                       विविधतापूणष  रचनाओ  एि  कायालय  की  विलभन्न  गनतविचधयों  की  रगीन  छवियों  आदद  स
                       आकर्षक िनाने का प्रयास ककया ह।
                                                     ै
                                                                                                           े
                       राजभार्ा दहन्दी सपूणष दश को फ ू लों की माला की तरह एकता क धाग में वपरोकर एक रखन
                                                                                 े
                                       ं
                                            े
                                                                                       े
                                      ै
                                                े
                                                         ष
                                                              े
                       में सदि सक्षम ह इसललए क्षत्रीय कायालय क कालमषकों तिा उनक पररजनों की रचनाओ स यह
                            ै
                                                                                 े
                                                                                                       े
                                                                                                     ं
                                                                                            ं
                                                      े
                                                                  े
                       पत्रत्रका  अत्यंत  शानदार  ददखाई  दती  ह।  इसक  ललए  सभी  रचनाकारों  एि  अपनी  िहमूल्य
                                                           ै
                                                                                                       ु
                                                                                         े
                                          े
                                                                                                 ष
                                                                          े
                                  े
                                                                                  ै
                       प्रविस्ष्ट्ियाँ भजने िाल कालमषकों क हम धन्यिादी हैं। उल्लखनीय ह कक क्षत्रीय कायालय क 90
                                                    े
                                                                                                       े
                                        े
                                                                                             े
                       प्रनतशत कालमषकों न ककसी न ककसी प्रकार स इस पत्रत्रका में रचनात्मक रूप स सहभाचगता की
                                                               े
                       ह।
                        ै
                       क्षत्रीय  प्रमुख  महोदय  क  प्रनत  सपादक  मडल  अपना  हाददक  आभार  प्रकि  करता  ह  स्जनक
                                                                            ष
                                                                                                           े
                        े
                                                                                                    ै
                                             े
                                                             ं
                                                     ं
                                                                                                        ं
                                                                                                ं
                                                                                े
                                                                 े
                       िहमूल्य सुझािों, प्ररणा,एि प्रत्यक्ष मागषदशषन स लक्ष्य पत्रत्रका क इस अंक का सयोजन सभि
                                        े
                                              ं
                         ु
                       हो सका ह। पत्रत्रका हतु भज गए सदशों क ललए हम सभी उच्चाचधकाररयों क भी क ृ तज्ञ हैं।
                                                       े
                                               े
                                              े
                                                      ं
                                          े
                                                            े
                                ै
                                                                                          े
                       आशा ह पत्रत्रका का यह अंक भी आपको पठनीय एि उपयोगी प्रतीत होगा ।
                                                                     ं
                             ै
                       शुभ कामनाओ सदहत।
                                   ं
                        ं
                                ं
                       सपादक मडल ।


                                                                                                            7
   6   7   8   9   10   11   12   13   14   15   16