Page 37 - मारू संदेश
P. 37

e: lans'k



                            lekt esa QSys va/kfo’okl vkSj muds ihNs ds rdZ







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               हमार  समाज  म  क ु छ  ऐसी  प्रथाए  प्रचलित  ह,      तब बनाई गई होगी, जब पूरी दुननया प्िग की
                                                            ैं
               जजन्ह  अंधविश्िास  कहा जाता  ह  |  ढरों  विश्िास    माहमारी झेि रही थी | चूकक बबल्िी का प्रमुख
                    ें
                                                   े
                                                                                             ं
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                                                                                                      े
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               या  अंधविश्िास  ह,  जजनम  स  क ु छ  का  धमम  म      भोजन  चूहा  ह,  इसलिए  बबल्िी  क  ज़ररए  ये
                                                             ें
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               उल्िेख लमिता ह और उसका कारण भी, िेककन               संक्रमण  िोगों  म  फिने  की  आशंका  रहती  थी.
                                ै
                                                                                   ें
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                                                                                    े
               बहत  स  ऐस  विश्िास  ह,  जो  िोक  परपरा  और         इसलिए  बबल्िी  स  दूरी  बनाकर  रखने  क  लिए
                                                                                                           े
                  ु
                                                                                                े
                                                                                                         ें
               स्थानीय िोगों की मान्यताओं पर आधाररत ह |            कहा जाता था | महामाररयों क समय म बबल्िी
                                                           ैं
               हािाकक  इनम  स  क ु छ  विश्िासों  को  अनुभि  पर     स दूरी बनाकर रखन की परपरा थी|
                    ं
                                                                     े
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                                                                                             ं
                                                                                      े
               आधाररत माना जा सकता ह |
                                          ै

               िसे  तो  अधविश्िास  मनुष्य  को  कममहीन  और
                          ं
                 ै
               भाग्यिादी बनाते ह, परतु हमार समाज म क ु छ
                                      ं
                                                        ें
                                              े
                                 ैं
               ररिाज ऐसे भी ह जजन्ह अंधविश्िास की नजर से
                               ैं
                                     ें
                                ं
                            ै
                                                 े
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                 े
                                        े
               दखा  जाता  ह  परतु  उनक  पीछ  क  कारण  उस
                                                     ैं
               समय क अनुसार ताककक प्रतीत होते ह । हााँ ये
                       े
                                     म
                             ै
                                              े
               बात  ओर  ह,  कक  समय  क  साथ  इनकी
                                                                                े
                                                                   साप को मारन क िाद ससर क ु चलना
                                                                                   े
                                                                     ां
                                                        े
               प्रासंगगकता  समाप्त  हो  चुकी  ह    इनम  स  क ु छ
                                                     ें
                                             ै
                                                                   कहा  जाता  ह  सांप  को  मारने  िािे  की  तस्िीर
                                                                                ै
                                    ं
                                              ं
               जैसे  घर क बाहर नीबू लमची टाग दना, दही खा
                          े
                                                  े
                                                                                   ें
                                                                                                 ै
                                                                   उसकी  आंखों  म  छप  जाती  ह  ।  जबकक  इस
               कर  घर  से  बाहर  ना  ननकिना  िगैरह-िगैरह  क
                                                             े
                                                                                े
                                                                                      े
                                                                                                 े
                                                                   अंधविश्िासा क पीछ िॉजजक य ह कक सांप क
                                                                                                                े
                                                                                                    ै
                                  ै
               बार म बात करते ह :-
                  े
                     ें
                                                                          े
                                                                   मरने  क  बाद  भी  उसका  जहर  िोगों  को  मार

                                                                           ै
                                                                                         े
                                                                   सकता ह। इसलिए उसक लसर को क ु चि कर दबा
                                                                   एदया जाता ह ।
                                                                               ै

                                                                          े
                                                                   ग्रहण क समय िाहर ना आना
                                                                                         ें
                                                                                                   े
                                                                   हमार  बडे  अक्सर  हम  ग्रहण  क  समय  बाहर
                                                                       े
                                                                   ननकिने  नहीं  दते  |  उनक  मुताबबक  इस  दौरान
                                                                                            े
                                                                                  े
                                                                                                           े
                                                                                             ैं
                                                                   बुरी ताकते हािी हो जाती ह। जबकक इसक पीछ
                                                                                                                े

                                                                   का असिी िॉजजक ह कक ग्रहण क िक्त सूयम की
                                                                                      ै
                                                                                                   े
               बिल्ली द्वारा रास्ता काटना
                                                                   ककरणों से त्िचा क रोग हो सकते ह। साथ ही
                                                                                                       ैं
                                                                                     े
                             ै
               माना  जाता  ह  कक  बबल् िी  रास् ता  काट  जाए  तो
                                                                                                         े
                                                                                        े
               उस  रास् ते  से  नहीं  जाना  चाएहए,  िरना  कोई      नंगी  आंखों  से  उसे  दखने  से  िोग  अंध  भी  हो
                                                                          ैं
               अनहोनी  घटना हो  जाती  ह  |  जबकक  य धारणा          सकते ह।
                                                      े
                                         ै

                                                       t;iqj {ks=h; dk;kZy;
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