Page 52 - संगम - द्वितीय अंक
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                        मरी कोडईकनाल या ा  -  जी व कटरामन, सुपु . एच वी गणेस ह रहरन,  .िव


                                               ं
                                                                        े
                                                                                   ं
                                                       ै

             हर कोई अपने जीवन म अनेक या ाए करता ह I ले कन उनम स क ु छ या ाए
             हम कभी भी भुला नह ं पाते I ग म य  क  छ ु   टया थी I हमार प रवार न

                                                             ँ
                                                                        े
                                                                                   ै
                                                     े
                                                                  े
                                                                          े
                                                                              े
             कोडईकनाल घूमने का  ो ाम बनाया I सबस पहले हम वंद भारत  न स मदुर
                        ै
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                            े
             पहच I मदुर स हमने ट सी ल  और कोडईकनाल पहँच गए I एक होटल
                                    ै
               ं
               ु
                                                                ु
              कराए पर लेकर सबसे पहले हमने अपनी थकावट उतार  I अगले  दन हमने
             सुबह सुबह  स वर कसकड फा स का दौरा  कया I वहाँ का नज़ारा वा तव म
                                ै
                                   े

             बहत ह  सुदर और दखने लाइक ह I वह चांद  क  तरह
                                            ै
                       ं
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             चमक रहा था I उसक साफ झरने और उस पर  गरती सूरज क  रौशनी उसे एक अलग ह  खूबसूरती द
                                                                                                             े
                                                          े
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                                                                                                         े
             रह  थी I उसक बाद हम वह ं स पु प  दश नी दखने गए I वहाँ सौ से अ धक  क़ म  क फ ू ल  खल हए
                                                                                              े
                                                                                                           ु
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             थे I खूबसूरती ऐसी क  उ ह दख कर  कसी का भी मन  स न हो जाए I शो म अलग अलग  क म क,
                                                                                 े
                                                                                                         े
                                                                े
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             अलग अलग रग  स, अलग अलग आकार क फ ू ल  खल हए थे I इनम स क ु छ तो दुल भ  जा त क भी
                                                      े

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             थे I सच कहँ तो म ने आज तक ऐसा नज़ारा न दखा था I अब सूरज क ु छ ढल चुका था, ले कन हमारा
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             मन अभी नह ं भरा था I अब हमने बो टंग का आनंद  लया I
             अगल  दन सुबह ज द  उठकर हम भगवान मु गन क क ु रजी आढ़ावर म दर क दश न क  लए  नकल पड़े
                                                                  ं
                                                                               ं
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             I यह मं दर पूर  तरह स क ु रजी फ ू ल  क पौध  से  घरा हआ ह I इस फ ू ल क  एक खा सयत होती ह  क
                                       ं
                                                                                                         ै
                                                                      ै
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                                                                 ु


             यह बारह साल म एक बार ह   खलते ह I हमार   क मत अ छ  थी  क हम क ु छ क लया और फ ू ल दखने

                                                                                              ँ
                                                                                                         े
                                                                                                      ै


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             को  मले I शाम क समय हमने  ायंट पाक का  ो ाम बनाया I वा तव म यह एक बड़ा लान ह िजसम
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                                                                                                     ं
             कई तरह क खूबसूरत फ ू ल  खल हए थ I इस खूबसूरत बगीचे म एक  च शैल  का मैर  गो राउड ह I
                                                                                                        ै
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             हमारा मन तो अभी भी नह ं भरा था पर हम वापस तो लौटना ह  था I हम अगल  सुबह  मदुर क  लए

              नकल पड़े और अपने मन म कोडईकनाल क  कभी न भूल सकन वाल  याद  क साथ वापस चे नै आ गए
                                                                                     े


             I सच कहँ तो म ने इस या ा का भरपूर आनंद  लया और यह या ा मेर जीवन क  कभी न भूल सकने
                                                                                े
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             वाल  या ा बन गई I
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