Page 34 - Mumbai-Manthan
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म इ ा सेठ पूव व र बंधक (िव ), द ली एचएसएमआई काया लय से सेवािनवृ ई । हडको
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प रवार क साथ मेरी लंबी और सफलपूव क या ा क िलए म आभारी । म फरवरी 1971 म अपने
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शु आती 20 क दशक म इस संगठन म शािमल हो गयी थी और संगठन क पहले कछ कम चा रय म से
एक थी और शायद पहली मिहला कम चारी भी ।
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म आभारी क मुझे इस सम पत, आगे क सोच और अ यिधक स मािनत संगठन म शािमल होने और
बढ़ने का अवसर दया गया था । जब म कवल 24 वष क थी । मेरी मता और काय नैितकता को
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शु से ही दखा और सराहा गया, कछ ऐसा िजसे म कभी नह भूली या सराहना करना बंद कर दया ।
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हडको क साथ अपने काय काल क दौरान, म ने दखा क संगठन द ली म एक इकाई से बढ़ रहा ह, अब
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पूर दश म फले सैकड़ कम चा रय क साथ पूर भारत म दबदबा ह।
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और म खुद को काफ भा यशाली मानती क म इस िति त संगठन क साथ एक स य कम चारी क
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प म तीन दशक से अिधक समय तक जुड़ी रही, यानी मेरी सेवािनवृि तक, जो माच , 2004 म शु
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आ था और हडको म यहां काम करने क िलए अपना ईमानदारी से आभार करना चाहती ।
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हडको क साथ अपन जड़ाव क लगभग िपछल 50 वष क दौरान म अपन जीवन म सभी सभािवत उतार-
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चढ़ाव स गजरी, ल कन हडको प रवार हमशा एक मजबत भागीदार क प म मर साथ खड़ा रहा ।
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मौजूदा कोिवड-19 महामारी क ि थित म भी हडको हम जैसे अपने सेवािनवृ कम चा रय क
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सहायता और दखभाल करने म सबसे आगे चलने वाल म से एक ह । म भी इस साल अ ैल म दसरी
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लहर क दौरान इस भयानक सं मण (COVID-19) से गुज़री, और कई दन तक अ पताल म भत
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रही । हालां क हडको ने इस क ठन समय म भावना मक और आ थक प से मेरा साथ दया ।
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घटना क ये पूरी ृंखला मुझे और मेर पूर प रवार को हडको क ित ब त गव और स मान से भर
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दती ह और यह त य क सेवािनवृि क लगभग दो दशक बाद भी संगठन हम इतना मजबूत समथ न
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दान करता ह जो एक कम चारी-िनयो ा संबंध से पर ह और एक प रवार से भी अिधक ह ।
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मेरा दढ़ िव ास ह क यह महान कपनी आगे बढ़ती रहगी और समृ होती रहगी और मुझे िव ास ह ै
क हडको प रवार का येक सद य यहां खुश और संतु रहगा । इस अ भुत संगठन को आगे बढ़ने क
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िलए सभी सफलता और शंसा क कामना करती ।
ध यवाद और सादर, इ ा सेठ
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पूव व र बंधक (िव ) 32