Page 41 - Mumbai-Manthan
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िशव सह
बंधक (राजभाषा)
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तावना : सौरमंडल क ात ह म पृ वी ही एकमा ऐसा ह ह जहां पर जीवन संभव ह । पृ वी सम त जीव
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को रहने का आधार दान करती ह । पृ वी को बचाये रखने क िलए पेड़-पौध का होना अ यंत आव यक ह । हम
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पेड़-पौध क िबना जीिवत नह रह सकते ह । पेड़-पौध से हम अनिगनत और ब मू य चीज़ ा होती ह । हमारी
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कई ज़ रत को पेड़-पौधे पूरा करते ह । सव थम हमे जीने क िलए ऑ सीजन क ज़ रत होती ह । ऑ सीजन क
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िबना हमारा और अ य जीव-जंतु का जीिवत रहना असंभव ह। पेड़-पौधे काश सं ेषण यानी फोटो सथेिसस
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ारा ऑ सीजन का िनमा ण करते ह । वातावरण म ऑ सीजन िसफ पेड़-पौध क वजह से मौजूद ह ।
पौधे काब न डाइऑ साइड, पानी और सूरज क करण का उपयोग करक ऑ सीजन तैयार करते ह । वातावरण म
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मौजूद दिषत गैस और काब न डाइऑ साइड को पेड़-पौधे सोख लेते ह । इसी आधार पर पया वरण और कित का
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च चलता ह । हम जो काब न डाइऑ साइड छोड़ते ह, उसी का उपयोग करक पेड़-पौधे ऑ सीजन का िनमा ण
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करते ह और अपने िलए खाना भी खुद तैयार कर लेते ह । अगर पेड़ नह ह गे तो वषा नह होगी । पेड़-पौधे
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वातावरण म आ ता पैदा करते ह । पेड़-पौध क वजह से पृ वी पर वषा होती ह । पेड़-पौध को बचाये रखना
हमारा परम् क ह । पेड़-पौधे भूिम कटाव को रोकने म भी सहायता करते ह । पेड़-पौधे बाढ़ जैसे हालात को
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रोकने म मदद करते ह । पेड़ हमे छाया, फल और लकड़ी दान करते ह । पेड़ से हमे औषिध ा होती ह । वन
स पदा हमार िलए अ यंत मह वपूण ह । वन का संर ण भी अ यंत मह वपूण ह । पेड़ पर िचिड़यां अपना
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घोसला बनाती ह । अगर पेड़ नह ह गे तो पशु-प ी क िज दगी क ठन हो जायेगी । पि य को रहने क िलए
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उनका घर नह िमलेगा । पुराने समय म आ दमानव पेड़ से तोड़कर फल और पि यां खाता था । अपना तन ढकने
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क िलए वह पेड़ क पि य का इ तेमाल करता था । वह अपने शरीर को गम और सद से बचाता था । मनु य पेड़
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क मह व को आ दकाल से जानने क बावजूद, अपने वाथ वभाव क कारण िनरतर पेड़ को काटकर खुद अपने
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पैर पर क हाड़ी मार रहा ह ।
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पेड़ से हमे अनिगनत व तुएं ा होती ह । उ ह पेड़ को लगातार काटने क वजह से पया वरण का संतुलन िबगड़
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रहा ह । आये दन सूखा, बाढ़, तूफ़ान और भूकप जैसे ाकितक आपदाएं द तक द रही ह । व त आ गया ह क हम
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पेड़-पौध क संर ण क ओर यान द । िजतने वृ काट जा रह ह, उससे अिधक वृ लगाएं । मनु य ने जैसे जैसे
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उ ित क , उसक ज़ रत बढ़ गय । लकिड़य का इ तेमाल फन चर इ या द बनाने म इ तेमाल होने लगा ।
जंगल को काटकर उची-उची इमारत मनु य ने बनाई ह । जैसे जैसे जनसं या बढ़ी, हर चीज़ क मांग बढ़ी ।
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मनु य ने पेड़ को काटकर घर, द तर, कल-कारखाने, सड़क, रल-लाईन इ या द बनाये । ले कन यह भूल गए क
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जहां उ ह ने एक पेड़ काट, उ ह कई पेड़ लगाने चािहए थे । साल म एक बार वन महो सव मनाया जाता ह जहां
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सरकार क तरफ से लाख पेड़ लगाए जाते ह और जन-समुदाय को भी पेड़ िवत रत करक वृ ारोपण करने क िलए
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