Page 6 - Mumbai-Manthan
P. 6























                                                        




            यह अ यंत गव  क  बात ह  क हडको मुंबई  े ीय काया लय राजभाषा िह दी गृह पि का ''मुंबई
                                     ै

                                                 ै
            मंथन'' का  काशन करने जा रहा ह । भाषा सं ेषण का ऐसा सश  मा यम ह िजससे हम एक
                                                                                            ै


            दसर से संपक  थािपत करते  ए एक दसर को समझ पाते ह । गृह पि का क िनयिमत  काशन क
                                                   ू
                                                      े
                                                                                                            े
                                                                                       े
                 े
              ू
            मा यम  से  हडको  का मक   को  अपनी  सृजना मक   ितभा  को  िनखारने  एवं  िवचार   को
            अिभ   करने का अवसर  ा  होता ह ।
                                                     ै
                               ँ
                                                                                                       े
            म  आशा करता    क हडको मुंबई  े ीय काया लय इसी  कार संवैधािनक दािय व  क  ित
            सजग रहते  ए अपनी  ितब ता को पूरा करता रहगा ।  हडको मुंबई  े ीय काया लय एवं
                                                                   े

                                        े
            संपादक मंडल को पि का क सफल  काशन क  हा दक शुभकामनाएं ।












                                                                               (एम. नागराज)
                                                                      िनदशक (िनगिमत योजनाएं)
                                                                          े














                                                                                                              4
   1   2   3   4   5   6   7   8   9   10   11