Page 3 - चिरई - अंक-3
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हडको क्षेत्रीय काया्षलय कोलकाता की हह ं दरी गृह पत्त्का
                                                                        वर््ष-2022-23, अंक-3, अप्रैल, 2023


                                                                            संपादक मण्डलरी

                                                                                मेुख्य िंरक्षक
                                                                             डलॉ. आलोक कमार जोशरी
                                                                                       ु
                                                                        काययाकाररी ननदशक (प्रचालन/राजभाषा)
                                                                                 षे
                                                                                   िंरक्षक
                                                                                 दबश चक्रबतती
                                                                                   षे
                                                                                  षे
                                                                          क्षेत्रीय प्रमुख (प्रभाररी), कोलकाता
                                                                                 परामेश्बदाता
                                                                           ु
                                                                  श्री प्रशांत कमार कवॅंर, संयुक्त महाप्रबंधक (पररयोजना)
                                                                               ु
                                                                    श्री नवक्टर भट्ाचाजती, संयुक्त महाप्रबंधक (आई टरी)
                                                                               िंपादक मेण्डली
                                                                         श्री दरीपंकर दत्ा, सहायक महाप्रबंधक
                                                                        (सचचवरीय) सह-हह ं दरी नोडल अचधकाररी
                                                                     श्री वरूण कमार ससंह, वररष्ठ प्रबंधक (प्रशासन)
                                                                             ु
                                                                         सुश्री अचचचिता दत्ा, उप प्रबंधक (नवत्)
                                                                               सह-नोडल सहायक

                                                                        श्री स्वरूप दास, उप प्रबंधक (आई टरी)
                                                                                   िहयोग
                                                                                                  षे
                                                                         हडको क्षेत्रीय कायायालय, कोलकाता क
                                                                          समस्त सहकमती एवं पररवार-गण

                                                                हाउसिंग एण्ड अर््बन डवलपमेेंट कॉपपोरशन सलममेटड
                                                                                                           े
                                                                                                 े
                                                                                   े
                                                                               (भारत सरकार का उपक्रम)
                                                                                  या
                                                                           क्ेरिीय कायािय, कोिकाता, हडको भवन
                                                               प्लॉट संख्ा-11, ब्लॉक-डी जे, सेक्टर-II, करुणामयी, साल्टिेक, कोिकाता-700091
                                                                                             ें
                                                                                           ै
                                                        पपरिका में प्रकालित रचनाओं को सुनने क लिए QR कोड को अपने मोबाइि से स्न कर। यह QR कोड
                                                                         े
                                                             े
                                                        रचनाओं क हर पृष्ठ पर दिया गया ह। िाई ओर दिये गए QR कोड को स्न करक आप अनुक्रम में दिये
                                                                                       ै
                                                                       ै
                                                                                          े
                                                                                      ै
                                                                     गए सभी रचनाओं को िख व सुन सकते ह।
                                                                               े
                                                                                     े
                                                                                                 ै
                                                        नोट : पपरिका में प्रकालित रचनाओं की मौलिकता एवं उनमें व्यक्त पवचारों क लिए रचनाकार स्यं उत्तरिायी ह। अतः
                                                        पपरिका में व्यक्त पवचारों क लिए संपािक, प्रबंधकीय मंडि तथा हडको प्रबंधन ककसी भी प्रकार से उत्तरिायी नहीं ह।
                                                                  े
                                                                                                   ै
                                                                    पनःिुल्क व आंतररक पवतरण हतु मुदरित व प्रकालित।
                                                                                े
                      े
        "समस्त भारतीय भाषाओं क लिए यदि कोई एक लिपप आवश्यक हो तो   हडको, क्त्रीय काययालय, कोलकाता करी अर्वार्षिक हिहदरी गह पत्त्का  3
                                                                       षे
                                                                                                 ृ
                                                                                         ्ध
          वह िवनागरी ही हो सकती ह।" - (जस्टिस) कष्णस्ामी अय्यर
                                 ृ
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