Page 20 - Mumbai-Manthan
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                                                        ै
                                                                    ै
            हडको क साथ जुड़कर म ने ब त कछ सीखा ह । मुझे याद ह  कस तरह से मुझे यहाँ व  क  पाबंदी का
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            सबक िमला था । एक बड़ी टीम का िह सा बनकर और अपने सहक मय  क साथ तालमेल िबठाने का
             नर भी म ने यह  िसखा ह ।
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            हम सबक  िज दगी म  पस नल लाइफ और  ोफशनल लाइफ साथ-साथ चलती ह ।  म ने हमेशा अपने
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                                                                                          ै
             ोफशनल लाइफ को  ाथिमकता दी ।  मुझे यह बात कहते  ए आज ब त गव  हो रहा ह क  इस कपनी
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                                                                                               ै
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            का मैनेजम ट भी प रवार क मह व को ब त अ छी तरह समझता ह ।  इसिलये सभी अिधकारी एवं
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            कम चारी एक बड़ प रवार क  तरह रहते ह और हरएक सुख-दःख म  शािमल होते ह ।  म ने अपने काम
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            को पूरी िन ा  और इमानदारी क साथ करने का  यास  कया और हर नई चुनौती को परशानी क  तरह
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            नह  बि क सीखने क नये अवसर क तौर पर दखा ।
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             य  क म ने अपने जीवन का अिधकतर समय यह   तीत  कया ह इसिलए यह मेरा दसरा घर था जहाँ
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            म ने अपने सािथय  क साथ नह  बि क प रवार क अपन  क  तरह  यार पाया । मुझे ऐसे अनेक मौक
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            याद आ रह ह जहाँ हम सब एक साथ िमलकर पाट  करते थे  यौहार मनाते थे और ऐसे अवसर पर सज-

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            धजकर ऑ फस आने का एक अनोखा आनंद पाते थे ।  हम सब अपने प रवारजन  समेत कई बार
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            ऑ फस क  तरफ से घूमने- फरने, िपकिनक मनाने जाते थे और वे मनोरजक पल म  कभी भुलाये नह
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            भूल सकती । मुझे वह दो अवसर याद ह जब अिधक बा रश क कारण सड़क , रा त  और रल लाईन  पर

            पानी भर गया था और मुंबई क  लोकल  न  को बंद कर  दया गया था ।  तब हम  न बंद होने क कारण
                                                                                                      े
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            उस रात घर नह  जा  सक और रातभर हम ब त से लोग  को ऑ फस म   कना पड़ा था । उस रात हम
            सब लोग  को खाना िमलना भी मुि कल हो गया और रातभर व  िबताने क िलए हम लोग  ने
                                                                                          े
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            अ ता री और करम खेल कर िबताया ।  ऐसे कई मनोरजन पल  क साथ म ने मेर काया लय क दौरान म
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            लॉकडाउन क  दन भी अनुभव  कये जब हमको “वक  ॉम होम” करना पड़ा जो ट ोलॉजी  ारा संभव
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                                                                                         े

            हो पाया । मेरा जो काया लयीन काय  का ल बा सफ़र टाइपराइटर से शु   आ वो आज आधुिनक
             माटफोन और लैपटॉप से समा  होने को आया ह ।
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            सबसे अ छी बात मेर  दल म  सदा याद रहगी  क; इस मुंबई  े ीय काया लय क हरएक कम चारी से
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            मुझे स मान और सहयोग िमला ह  फर चाह वह बॉस हो या  फर कोई कम चारी ।  यही कारण था  क
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            मुझे भी  लगातार उनक साथ स मान क साथ पेश आने क िलए  ेरणा िमली ।
            यह मेरी खुश क मती ह  क इतने अ भुत संगठन और  यार ल गो क साथ जुड़ने का मौका मुझे िमला
                                                                             े
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            िजनक साथ म ने हडको, मुंबई  े ीय काया लय म  अपने सेवाकाल क दौरान काम  कया |
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