Page 28 - Mumbai-Manthan
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                                              










                                                                          कांचन सावंत
                                                                           






                                                                                        े
             जदगी खुदा का  दया गया एक बेहतर तोफा ह l  जदगी को आप जीस नजरसे दखते हो, उसी नजर से
                                                         ै
             जदगी आप को दखती ह lमनु य जीवन ब त ही मह वपूण  ह यह बार बार नह  िमलता तो ऐसी
                                     ै
                              े
                                                                          ै
             जदगी िजये क  हम अपने िनशान, पैलु छोड जाए ताक  आने वाले लोग हम  याद कर l दिनया म  सबसे
                                                                                                ु
                                                                                            े
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                                       ै
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                                                                                           ै
             यादा खुश वि  वो होता ह जो अपने खुशी से  यादा दसरो क  खुशी को बड़ा दता ह  l
                                              “आनंद का रह य  वतं ता है

                                            और  वतं ता का रह य साहस ह”
                                                                            ै


            यह एहसास  कसी बाहरी ि थितय  पर िनभ र नह  करता यह हमार मानिसक द ीकोण पर आधा रत
                                                                             े
                                                                                        ृ
                                                                                                   ै
                                                                     ै
                                         ै
            ह |  स ता यह वो पुर कार ह क  हमार समझ क अनु प ह |उदा सयो क  वजह तो ब त ह इस संसार
              ै
                                                  े
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            म  पर बेवजह मु कराने क  बात ही कछ और ह |हसना, िखलना, चहकना यह सभी भाव एक हीर क
                                                                                                         े
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                                                         ै
            तरह अनमोल ह | िजसे आप बीना खरदी पहन सकते ह l और जब यह अनमोलता आप क पास ह तो
                                                                                                  े
                                                                                                          ै
                            ै
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                                  े
            आपको सु दर  दखने क िलए और  कसी अ य चीजो क  आव यकता नह  |











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