Page 39 - आवास ध्वनि
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भलारत में महिलला सशशक्तकरण और लवगक समलाितला क ललए u कायद्धस्ल पर मष्हलाओं क यौन उत्रीड़न (डनवारण,
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कलाििी प्रलावधलाि डन्षरेध और डनवारण) अर्धडनयम, 2013: सलाव्यजनिक और
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भलारत में लवगक समलाितला और महिलला सशशक्तकरण को बढ़लावला निजी दोिों तरि क कलार््यस्लों में र्ौि उत्पीड़ि को रोकिे
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दिे वलाले कछ प्रमख कलाििी प्रलावधलाि निम्नलािषुसलार िैं:- और निवलारण क ललए एक प्रणलाली कला निमला्यण करतला िै।
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इस प्रकलार, र्ि कलार््यस्ल में लवगक समलाितला क उद्श्य
सामासजक-सांस्ृर्तक सशर्तिकरण
को प्रलाप्त करिे में सिलार्तला प्रदलाि करतला िै।
u भारतरीय दड संष्हता (IPC): इसमें बललात्कलार, र्ौि मष्हला सशर्तिकरण क उपाय
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उत्पीड़ि, दिेज ियिला और एशसि िमले सहित महिललाओं
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क खखललाि अर्रलाधों को संबोशधत करिे वलाले ववहभन्न खंि महिलला सशशक्तकरण क ललए कई र्ोजिलाए शलासि की तरि
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शलावमल िैं। से चललाई गई िैं शजससे िलारी जलावत क उत्लाि में मदद वमली
िै जो भलारत में महिललाओं को एक अलग र्िचलाि प्रदलाि करती
u घररेलू ष्हसा स मष्हलाओं का संरक्षण अर्धडनयम, 2005: िै। महिलला सशशक्तकरण क उर्लार् की कछ र्ोजिलाओं क िलाम
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घरेलू हिसला की र्ीनड़त महिललाओं को शसववल मलामलों क निम्नललखखत िैं –
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अधीि न्यलार्/ उर्लार् प्रदलाि नकर्ला जलातला िै और उन्हें सरक्षला
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आदश और निवलास अशधकलार प्रलाप्त करिे कला अशधकलार u सकन्यला समृक््दद र्ोजिला
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दतला िै। u बेटी बचलाओं बेटी र्ढ़लाओ र्ोजिला
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u दहरेज प्रर्तबंध अर्धडनयम, 1961: दिेज दिे र्ला लेिे को u प्रधलािमंरिी उज्ज्लला र्ोजिला
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प्रवतबंशधत करतला िै और उल्घि क ललए सजला कला u प्रधलािमंरिी मलातृ वंदिला र्ोजिला
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प्रलावधलाि करतला िै। u प्रधलािमंरिी महिलला शशक्त कद्र र्ोजिला
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u सतरी (डनवारण) आयोग अर्धडनयम, 1987: सती की प्रथला u वि स्टॉर् सेंटर
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को दििीर् अर्रलाध बिलातला िै, जिलां एक ववधवला को अर्िे u ललाड़ली लक्षी र्ोजिला
र्वत की शचतला र्र जलिे क ललए मजबूर नकर्ला जलातला िै।
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u फ्ी शसललाई मशीि र्ोजिला
u बाल र्ववाह डन्षरेध अर्धडनयम, 2006: बलाल वववलाि उपसंहार
और उससे जड़ िषुकसलािों को खत्म करिे क उद्श्य से
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बलाललकलाओं क ललए वववलाि की कलाििी आर्षु बढ़लाकर 18 एक स्ती र्षुरुष की जििी िोकर भी र्षुरुष से कमजोर मिसूस
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वष्य कर दी गई िै। करती िै क्ोंनक हर्छली कई सहदर्ों से उसकला शोषण नकर्ला
जला रिला िै शजसक कलारण िलारी अर्िी शशक्त और अशधकलारों को
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आसथक सशर्तिकरण
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भूल चकी िै। और अर्िे सलाथ िो रिे दषुरलाचलार को बदला्यश् करती
u न्यूनतम वतन अर्धडनयम, 1948: ववहभन्न क्षेरिों में सभी चली आ रिी िै। र्रन् वत्यमलाि र्षुग महिलला र्षुग िै। अब उन्हें
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श्वमकों, शजिमें महिललाए भी शलावमल िैं, क ललए न्यूितम अर्िे अशधकलारों को प्रलाप्त करिे से कोई ििीं रोक सकतला िै।
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वेति निधला्यररत करतला िै। इसक ललए कई महिलला सशशक्तकरण क उर्लार् भी नकए जला
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u समान पाररश्ष्मक अर्धडनयम, 1976: ललग क आधलार र्र रिे िै। नकन् अभी भी कछ आहदवलासी हर्छड़ गलावों में कई सलारी
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मजदूरी और वेति क मलामलों में भेदभलाव को प्रवतबंशधत करीवतर्लां र्ला शशक्षला की कमी क कलारण महिललाओं को उिक
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करतला िै, इसललए कलार््यस्ल में लवगक समलाितला क लक्ष् अशधकलारों से वंशचत रखला गर्ला िै। अतः विलां तक र्हुच कर
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को बढ़लावला वमलतला िै। उि महिललाओं को भी महिलला सशशक्तकरण क बलारे में जलागरूक
करिला िोगला।
u मलातृत्व ललाभ अशधनिर्म, 1961: प्रवतष्ठलािों में कलार््यरत
महिललाओं को मलातृत्व अवकलाश और अन्य ललाभ प्रदलाि n महाराम तंवर
करतला िै। र्रलामश्यदलातला
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