Page 51 - आवास ध्वनि
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परो देवी देुगााक की मिवजायां का स्मृरोर्ण करोता
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�ै। यां� त्यो�ारो �रो वषाक जिसंतबोरो-अक्टूबोरो क
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में�ीना मेंं मेंनाायांा जााता �ै।
प्रौमित वषाक की तरो� यां� वषाक भाी षाष्टी सं देशमेंी
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हिंदेना तक देुगाोत्सव बोहुत धमेंधामें सं परोे
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भाारोत वषाक मेंं �षाक उल् लासं क संाथा मेंनाायांा
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गायांाI मिवहिंभान्न प�ाल मेंं मेंाँ देुगााक की मिवशाल
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औरो संुंदेरो मेंमित स्थााहिंपत की गायांी औरो हिंफरो
पारोंपरिरोक अनासंारो षाष्टी क हिंदेना देुगााक देवी
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का बोोधना �ोना क बोादे प्रौार्ण प्रौमितष्ठाा निकयांा
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गायांाI �रो बोारो की तरो� इसं बोारो भाी मिवहिंभान्न
प�ालं मेंं स्थााहिंपत संवकश्रेष्ट देुगााक देवी मेंमित ि
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की प्रौमितयांोमिगाता का आयांोजाना निकयांा गायांा
औरो उसं मिवजिशष् ट प्रौमितयांोमिगाता मेंं जिचत्तरोंजाना
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पाक क ब्लॉाक “क” की देुगााक प्रौमितमेंा को
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प्रौथामें स्थााना प्रौाप्त हुआ �ै औरो प�ालं की
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प्रौमितयांोमिगाता मेंं जिचत्तरोंजाना पाक क �ी “पॉकट
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40” को 2024 मेंं प्रौथामें स्थााना प्रौाप्त हुआ �ै।
पश्वि�में बोंगााल, मेंं संबोसं अजिधक देुगाोत्सव भाव्यू रूप सं मेंनाायांा �ै| परोे भाारोतवषाक मेंं पश्वि�में बोंगााल सं झानिकयांं को आमेंत्रीर्ण
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जााता �ैI व�ां की मेंमितयांाँ औरो प�ाल क लाइनिटगा संबोसं े निकयांा जााता �ै|
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अनाोखी �ोती �ं, मेंानाो निक जासं मेंाँ देुगााक की प्रौमितमेंा बोोल रो�ी
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�ोI प�ाल क संाथा संाथा भाोजाना उत्सव का भाी बो�त बोड़ पमेंानां देुगााक पूजाा मेंं झानिकयांं का एँक बोहुत �ी में�त्यपूर्णक यांोगादेाना
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मेंं आयांोजाना निकयांा जााता �ैI भाारोतवषाक क मिवहिंभान्न रोाज्यो भाी इसं �ोता �ै| औरो हिंफरो देखत �ी देखत देशमेंी का हिंदेना आ जााता �ै
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उत्सव मेंं हिं�स्सेा लत �ं| इसंमेंं धामिमेंक उत्सा� क संाथा-संाथा जाो निक मेंाँ का मिवदेाई का हिंदेना �ोता �ै| देशमेंी क हिंदेना संबो�
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संंगाीत, नाृत्य औरो पारोंपरिरोक अनाुष्ठाानां संमेंेत संांस्कृृमितक प्रौदेशकना प्रौमितमेंा वरोर्ण क बोादे जिसंदेूरो खला जााता �ै| जिसंन्दीूरो, पाना, देुबोक,
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भाी शामिमेंल �ं। यां� आयांोजाना संमेंदेायांं को एँकजाुट करोता �ै धाना औरो मिमेंठाई यां� संबो वरोना क संामेंग्रेी �ं| उसंक बोादे संंध्या
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औरो भाारोत की संमेंृद्ध मिवरोासंत को प्रौदेजिशत करोता �ै| इसं क संमेंयां मेंं प्रौमितमेंा को मिवसंजिजात निकयांा जााता �ै जिजासंक बोादे
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पूजाा क देौरोाना संारोे प�ालं मेंं तरो�-तरो� की प्रौमितयांोमिगाताओंं मेंाँ देुगााक अपना हिंदेव्यू निनावासं परो लौटती �ं, औरो उसंक बोादे
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का भाी आयांोजाना निकयांा जााता �ै, औरो ज्योादेातरो लोगा इना मिवजायां देशमेंी मेंनाायांा जााता �ै| प�ाल एँकदेमें संूनाा संूनाा �ो
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प्रौमितयांोमिगाताओंं मेंं भाागा लत �ं| देुगााक देवी क देशकना क लिलएँ जााता �ै|
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लाखं की तादेादे मेंं भाीड़ इक�ी �ोती �ै| प्रौमितहिंदेना संंध्या क एँक वषाक मेंाँ देुगााक की आगामेंना की प्रौतीक्षेा की जााती �ै निक “मेंाँ
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संमेंयां मेंं मेंाँ देुगााक की निनायांमिमेंत रूप सं निनाष्ठाापवकक आरोती की तमें हिंफरो कबो आओंगाी”?
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जााती �ं जाो की बोहुत �ी भाव्यू औरो संुंदेरो �ोती �ंI मेंाँ देुगााक की
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आरोती देखना क लिलएँ �जाारों की तादेादे मेंं भाीड़ इक�ी �ोती u संंगृीता काां�ी�ा�
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�ै जिजासंमें निक इना झानिकयांं का एँक बोहुत बोड़ा यांोगादेाना �ोता वरिरोष्ठा प्रौबोंधक (संजिच.)
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