Page 49 - आवास ध्वनि
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मिपृता































                                                          ू
                                                           े
                                                 गाांव मेंं में बोढ़ हिंपता को देख अक्सरो में जिसं�रो/�रो जााता हूं।
                                                        ं
                                                                               ं
                                                                     े
                                                       ं
                                                                            े
                                                                 े
                                                                                   ं
                                                संोचता हू कल को यां ना�ं रो�ं तो, यां संोच में मिबोखरो जााता हूं।
                                                                            े
                                                              े
                                                            ु
                                       कौना �ांटेगाा, संमेंझाएँगाा मेंझ यां� कामें करो, यां कामें मेंत करो, कौना क�ेगाा मेंुझसंे?
                                                                  ू
                                                            े
                                                                             े
                                                                                       ं
                                         यां संोच नायांना नामें करो लता हूं। बोढ़ हिंपता को देख अक्सरो में जिसं�रो/�रो जााता हूं।
                                                                    े
                                          े
                                                      अभाी में बोच्चा हूँ, अ� का अभाी भाी कच्चा हूं,
                                                           ं
                                                                                    ं
                                               क्योंनिक अभाी भाी घरो जााता हू तो देो बोढ़ी आख मेंझ तकती �ं।
                                                                      ं
                                                                             ू
                                                                                 ँ
                                                                                      ु
                                                                                       े
                                                          ू
                                                                            े
                                                         बोढ़ ललाट परो लकीरों देख संोचता हूं।
                                                           े
                                                                           ं
                                                        े
                                                      ू
                                                     बोढ़ हिंपता को देख अक्सरो में जिसं�रो/�रो जााता हूं।
                                                                 े
                                                         जाबो जाबो थाका हूं, टूटा हूं, मिबोखरोा हूं।
                                                                                   ु
                                                  तबो एँक कमेंजाोरो वृद्ध आवाजा कानां मेंं फसंफसंाती �ै!
                                                                                      ु
                                                        ं
                                                               े
                                        रुक मेंत,  टूट मेंत में हू नाा, यां आवाजा निकसंी ओंरो की ना�ं, मेंरोे हिंपता की �ोती �ै!
                                                          ं
                                                                                        े
                                                                                        ं
                                                                                                े
                                                                 े
                                                                                 े
                                           संोचता हूं, क्योा �ोगाा जाबो यां आवाजा ना �ोगाी? यां संोच आसं मिगारोा देता हूं।
                                                                                          ू
                                                     बोढ़ हिंपता को देख अक्सरो में जिसं�रो/�रो जााता हूं।
                                                      ू
                                                                 े
                                                        े
                                                                           ं
                                                                                                        ै
                                                                                                   u का�ासं चन्‍ दा मेंी�ा
                                                                                                        परिरोव�ना सं�ायांक
                                                                                                                  49
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