Page 45 - आवास ध्वनि
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गालिलयांां बोना गाई �ं। जिशक्षेा क क्षेेत्री मेंं
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भाी तरोक्कीी हुई �ै। जा�ां प�ल गाांव
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मेंं प्रौाथामिमेंक स्तरो का स्कृल थाा आजा
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व� 12वं तक �ो गायांा �ै। मिवद्योाजिथायांं
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क शारोीरिरोक मिवकासं �ेत स्कृल मेंं
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खेल का मेंदेाना भाी �ै। पयांजाल �ेत ु
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कओंं क स्थााना परो संरोकारोी जाल
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व्यूवस्थाा �ै। यांूं तो गाांव मेंं प�ल भाी
मिबोजाली की व्यूवस्थाा थाी परो उसंका
फायांदेा कछ धनााढ्य परिरोवारो �ी
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लत थाे। निकतनां �ी घरों मेंं नि�मिबोयांा
औरो लालटेना का उपयांोगा निकयांा
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जााता थाा। निकत अबो संभाी घरों मेंं
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मिबोजाली की आपमित �ै। ग्रेामेंीर्णं को
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जाल जाीवना मिमेंशना क त�त संरोकारो
की ‘�रो घरो नाल सं जाल’ यांोजानाा का
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लाभा मिमेंल रो�ा �ै। मेंझ यांादे �ै गाांव
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मेंं मेंोटा संा जान्म-मेंत्य पजाीकरोर्ण रोजिजा�रो �ोता थाा जिजासंमेंं कठिठना �ोगाा। जामेंीना परो पंछा लगााकरो गांगााजाल की बोूंदेो सं े
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नावजाात औरो स्वागाकवासंी लोगां का लखाजाोखा लिलखा जााता स्वाच्छे करो बोीजाना सं �वा करोत हुएँ तांबो क बोतकना मेंं भाोजाना
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थाा। मेंना भाी इसं कायांक मेंं यांोगादेाना हिंदेयांा थाा। आजा ऐसंा ना�ं �ै, औरो गांगाासंागारो सं जालपाना करोवायांा जााता थाा। आजा जात े
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उन्नत प्रौौद्योोमिगाकी क कारोर्ण अबो यां� कायांक ऑनालाइना निकयांा प�नाकरो खड़-खड़ भाोजाना निकयांा जााता �ै। संादेा पौहिंष्टक भाोजाना
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जाा रो�ा �ै। गाांव मेंं आगानावाड़ी कद्रा खुल गाएँ �ं। बोच्चं की छोड़करो फा� फ� ज्योादेा पसंंदे निकयांा जाा रो�ा �ै। हिंदेनाभारो
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संंक्रमेंर्ण सं प्रौमितरोक्षेा �ेत निनायांमिमेंत टीकाकरोर्ण निकयांा जाा रो�ा खेत खलिल�ानां मेंं कामें की थाकावट देूरो करोना क लिलएँ बोजागाक
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�ै। गााँव की तरोक्कीी देखकरो मेंना उल्लीासं सं भारो जााता �ै। गाांव की चपाल परो हुक्कीा पीत था औरो �ंसंी मेंज़ाक करोत थाे।
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इसंक बोावजादे, रोोजागाारो की तलाश औरो जाीवनाशली मेंं संधारो तीजा-त्यौ�ारों परो मेंल्हाारो, रोामिगानाी, लोकगाीत गााएँ जाात थाे।
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�ेत ग्रेामेंीर्ण श�रों की ओंरो पलायांना करो रो�े �ं। कछ संमेंयां प�ल तक रोेनि�यांो औरो टेपरिरोका�रो क स्थााना परो
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परो क्योा �मेंना कभाी संोचा �ै निक इसं उन्नमित की देौड़ मेंं निकतनाा ब्लॉैक एँ� व्हााइट टीवी थाे। अबो बोड़-बोड़ रोंगाीना टेलीमिवज़ना औरो
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कछ पीछ रो� गायांा �ै? एँक कोनाा ऐसंा भाी �ै जाो परोानाी यांादें मेंं संी�ी प्लायांरो आ गाएँ �ं। अबो ऐसंा यांदेा-कदेा �ी हिंदेखाई देता
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खो जााता �ै - जााना क�ाँ गाएँ वो हिंदेना। आजा सं 50 संाल प�ल े �ै। हिंपछड़ा क्षेेत्री �ोना क नाात गाांव मेंं जिशक्षेा क प्रौमित उत्सा�
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की वेशभाूषाा, खाना-पाना, रो�ना-सं�ना मेंं निकतनाा बोदेलाव आ बोहुत कमें थाा, हिंफरो भाी स्कृल क मेंा�रो जाी जाबो गाांव का देौरोा
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गायांा �ै। धोती-कता, पायांजाामेंा, लुंगाी-ल�ंगाा, चोली-घाघरोा, करोना आत थाे, तो उनाक संम्मुाना मेंं बोच्चे, बोढ़ औरो जावाना संभाी
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ओंढ़नाी, अगाोछा, पगाड़ी-संाफा, टोपी, खड़ाऊ, मेंोजाड़ी, संती �ाथा जाोड़ करो नामेंस्त अथावा चरोर्ण स्पशक करोत थाे। स्कृल मेंं
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यांा खादेी क कपड़ं क स्थााना पतलना, लुंगाी, लोवरो, ल�ंगाा, गाुरु-जिशष्य परोपरोा मिवद्योमेंाना थाी। अबो यां� नादेारोदे �ं।
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कोट पंट, एँग्लैो इनि�यांना पोशाक आ गाई �ं। �लधरो क लिलएँ आजा अग्रेेजाी को ज्योादेा में�त्व हिंदेयांा जाा रो�ा �ै औरो हिं�देुस्ताना
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लनाी घी मेंं तयांारो चटनाी, रोाबोड़ी यांा में�रोी क संाथा घरो मेंं �ाथा की प�चाना हिं�देी पीछ छ ू टती जाा रो�ी �ै। अबो गाांवं मेंं भाी
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सं चक्कीी चलाकरो पीसं गाएँ आटे सं गाोचनाी (गाहू औरो चनाा का नामेंस्ते, रोामें-रोामें, रोाधे-रोाध का स्थााना �ायां, �ैलो ना औरो बोाप ू
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मिमेंश्विश्रत आटा) की रोोनिटयांं वाला कलवा अबो मेंानाो खाना-पाना का �� ना ल लिलयांा �ै औरो इसं परो गावक करोत �ं। अन्य भााषााओंं
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की देुनिनायांा सं गाायांबो �ो गायांा �ै। अमितजिथा संत्कोारो की बोात का ज्ञााना �ोनाा अच्छेी बोात �ै औरो संभाी भााषााओंं का संम्मुाना
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करु तो निना�ल प्रौमें औरो संम्मुाना का वर्णकना शब्दं मेंं करोनाा भाी करोनाा चाहिं�एँ। परो क्योा इसंका यां अथाक �ै निक हिं�देी अथावा
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