Page 50 - आवास ध्वनि
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दाुगृोत्सा�


























































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                 प्रौबोल परोाक्रमेंशाली मेंहिं�षाासंरो का वध करोना क लिलएँ संभाी   मेंाँ देुगााक नाव देुगााक क रूप सं पजाी जााती �ंI  यां� नाामें �ै :
                 देवताओंं क शजि� की तजा सं एँक अपवक नाारोी की संहिंष्ट �ोती   शैलपुत्रीी,  ब्राह्मीचारिरोर्णी,  चद्राघटा,  कष्मां�ा,  स्कृदेामेंाता,
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                 �ैI  संभाी  देवता-गार्ण  मिमेंलकरो  निनाजा  अस्त्  औरो  अलकारो  सं  े  कात्यायांनाी, कालरोाहिंत्री, में�ागाौरोी औरो जिसंलिद्धदेात्रीीI
                                                           ं
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                 संसंग्लिज्जात करोत �ंI
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                                                                                                                 े
                                                                     देुगााक पूजाा एँक ऐसंा त्यो�ारो �ै जाो ब्राह्मीाण्ड मेंं शजि� क रूप
                            “ यहैं और काोई नाहैंी मेंाँ दाुगृा हैंं ”.
                                                   ध
                                                                                                                     े
                                                                     मेंं मेंहिं�ला शजि� का प्रौमितनिनाजिधत्‍ व करोता �ै| यां� हिं�देु धमेंक क
                                                                                                              ं
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                 मेंाँ देुगााक �ी मेंहिं�षाासंरो को यांुद्ध क लिलएँ आह्वााना करोती �ं औरो   बोीच मेंनाायांा जााना वाला एँक प्रौजिसंद्ध भाारोतीयां त्यो�ारो �ै। इना
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                                                                                           े
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                 प्रौच�  यांुद्ध  क  बोादे  मेंाँ  देुगााक  हिंत्रीशूल  सं  मेंहिं�षाासंरो  का  वध   हिंदेनां  लोगा हिंदेव्यू मेंाँ देुगााक क संम्मुाना औरो उनाकी उपासंनाा करोना  े
                                                         ु
                 करोती �ंI मेंाँ देुगााक को जिसं�वाहिं�नाी भाी क�ा जााता �ै क्योंनिक   क लिलएँ देुगााक पूजाा का त्यो�ारो मेंनाात �ं। यां� त्यो�ारो बोरोाई परो
                                                                                                                ु
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                 उनाका वा�ना जिसं� �ैI                               अच्छेाई की जाीत का प्रौतीक �ै, क्योंनिक यां� रोाक्षेसं मेंहिं�षाासंरो
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