Page 52 - आवास ध्वनि
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�क्षं काा मेंनाुष्य �ी�ना मेंं मेंहैंत्व
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पृथ्वीी परो वक्षें का �ोनाा उतनाा �ी जारूरोी �ै जिजातनाा मेंनाुष्य
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क अदेरो आत्मा का �ोनाा । जिजासं प्रौकारो वक्षें क मिबोनाा जाीवना
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संंभाव ना�ं उसंी प्रौकारो आत्मा क मिबोनाा मेंनाुष्य मेंृत क संमेंाना
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�ै। वक्षें का �ोनाा, मेंनाुष्य औरो पशुओंं देोनां क लिलएँ बोहुत
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�ी लाभाकारोी �ै वक्षे वातारोर्ण मेंं फली काबोकना �ाइऑक्साइ�
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को अपना अदेरो लेकरो संभाी प्रौालिर्णयांं क लिलएँ ऑक्सीजाना
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छोड़त �ं ।
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लगाभागा संभाी मेंहिंदेरों मेंं कोई ना कोई वक्षे अवश्य लगाा �ोता
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�ै जासं निक पीपल, वट, कले, आमें का वक्षे तथाा तुलसंी का
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पौधा आहिंदे। जाो व्यूजि� मेंहिंदेरो मेंं जााकरो पूजाा-अचकनाा करोत �ं
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व� परोी श्रद्धा सं वक्षें की पूजाा करोना क उपरोांत वक्षें मेंं जाल
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चढ़ात �ं। पड़-पौधं की पूजाा-अचकनाा क संाथा-संाथा प्रौाचीना
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काल सं इनाका उपयांोगा औषाजिध क रूप मेंं निकयांा जाा रो�ा �ै ।
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पड़-पौधं क जाड़, तनाा, पजित्तयांां, फल-फल, बोीजा औरो इनाकी
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छाल का उपयांोगा भाी मेंनाष्यं क रोोगाो क उपचारो क लिलएँ निकयांा
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जाा रो�ा �ै । त्रीतायांगा मेंं यांुद्ध क संमेंयां जाबो लक्ष्र्ण घायांल
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�ोकरो मेंमिछत �ो गाएँ था तबो �नामेंाना उनाको ठीक करोना क लिलएँ
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संंजाीवनाी बोटी लेकरो आएँ था । संंजाीवनाी बोटी लक्ष्र्ण को
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संुंघात �ी उनाकी मेंछाक टूट गाई ।
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पृथ्वीी परो वक्षे अजिधक �ंगा तो वषााक भाी अजिधक �ोगाी जिजासंसं े
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जाीवना निनावाक� क लिलएँ वक्षें सं �ी �मेंं अनााजा, फल औरो फसंलं आहिंदे को पानाी मिमेंलेगाा वषााक क मिबोनाा खेत-खलिल�ाना
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संग्लि�यांां मिमेंलती �ं । वक्षें की संखी ट�निनायांं को गाांव कस्बों
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मेंं ईंधना क रूप मेंं प्रौयांोगा निकयांा जााता �ै । संखी ट�निनायांं
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औरो लकनिड़यांं सं गाोशालाओंं क छप्परो बोनााएँ जाात �ं औरो
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पशुओंं क नाीच मिबोछाना क लिलएँ भाी इना ट�निनायांं/झानिड़यांं का
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प्रौगाोगा निकयांा जााता �ै । जिजासंसं पशुओंं को गामिमेंयांं मेंं ठ�क
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औरो संहिंदेयांं मेंं गारोमेंा�ट मिमेंलती �ै । जा�ाँ वक्षे अजिधक �ोत �ं
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व�ाँ की वायां �मेंशा शुद्ध �ोती �ै । वक्षे पलिक्षेयांं को आश्रयां
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देत �ं पक्षेी अपनाा घंसंला बोनााकरो अपना बोच्चं को रोखत �ं ।
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वक्षे शरोर्णाजिथायांं को छायांा प्रौदेाना करोत �ं ।
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भाारोतीयां संंस्कृृमित मेंं पड़-पौधं को पूजाा जााता �ै । मिवहिंभान्न वक्षें
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मेंं कई देवताओंं का वासं मेंाना जााना क कारोर्ण हिं�देू धमेंक मेंं
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