Page 46 - Lakshya
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                                        िं
                              िं
               गभशगृि अन्य महदरों और मडप की भानत चौकोर
                                       िं
               ि। एक समय में मुख्य महदर में 13 सशिर थे
                 ै
               िो  सभी  चट्टान  स  ऱूप  स  ननकलत   िए
                                                     े
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                            े
               हदिाई  दत थ। हििंदू महदरों क  ास्तुकला ग्रथों
                                    िं
                         े
                                                        िं
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                         िं
               अनुसार  महदर  पररसर  में  पू श  की  ओर  एक
               पव त्र  िल  क ुिं ड  ि  जिसका  ननमाण  8   ीिं
                                                 श
                                  ै
               शताब्दी की शुरुआत में ककया गया प्रतीत िोता
                 ै
                             े
               ि  |  मडप  स  पानी  को  प्राक ृ नतक  ऱूप  स
                                                          े
                       िं
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               ननकालने क सलए एक िल ननकासी प्रणाली थी।
                       े
               पू ी  प्र श  द् ार  में  एक  बड़ा  मडप  और  एक
                                              िं
                            े
                                                      िं
               पोहटको था लककन यि 1905 में आए भूकप में
                   श
                                      े
                                                                     े
                                                                          े
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                                                          िं
               नष्ट िो गया था | अब क ल फशश और एक स्तभ क अ शष बच िैं।

                          िं
               िालािंकक  महदरों की िुदाई अज्ञात कारणों स पूरी निी िो सकी परन्तु एक कारण "मदर रॉक" की बना ट
                                                       े
                                                               िं
               में दोष भी िो सकता ि | क ु छ स्थानों पर चट्टान प्राक ृ नतक ऱूप स बित कठोर ि जिस तराशना मुजश्कल
                                                                           े
                                                                                             े
                                                                                        ै
                                    ै
                                                                               ु
                                                                                                    िं
                                             ै
               रिा िोगा | शायद यिी कारण ि कक इस पर िहटल नक्काशी 1,000  षों स भी अचधक सरक्षित रि
                                                                                       े
                      ै
               पायी ि।
                                                              मसऱूर  रॉक-कट  महदर  भारत  में  प्रारसभक  रॉक-कट
                                                                                िं
                                                                                                िं
                                                              परपराओ  को  दशात  िैं।  मूनतशयों  में  गुप्तकालीन
                                                                िं
                                                                                 े
                                                                                श
                                                                      िं
                                                                             े
                                                                                                 िं
                                                              परपराओिं को  दिा िा सकता िैं |  सभ तः मसऱूर
                                                                िं
                                                                                                             े
                                                              महदर पररसर को पिाब क प्राचीन िलधर राज्य क
                                                                िं
                                                                                िं
                                                                                                  िं
                                                                                      े
                                                              एक स ोपरर शासक या कन्नौि क रािा यशो मशन
                                                                                              े
                                                                         े
                                                              क  चशस्  क तित कटोच शासक द् ारा बनाया गया
                                                               े
                                                              था।  महदर  पररसर  को  अब  ठाक ु रद् ार  क  ऱूप  में
                                                                                                     े
                                                                    िं
                                                                            ै
                                                              िाना  िाता  ि,  क्योंकक  अब  यिााँ   भग ान  राम,
                                                              लक्ष्मण और सीता की पत्थर की छव  को स्थावपत
                                                                                                             े
                                                                           ै
                                                                                           िं
                                                              ककया  गया  ि  |िालािंकक  इन  महदरों  को  1905  क
                                                          े
               कागड़ा भूकप स व्यापक नुकसान िआ था  लककन उनकी एकीक ृ त योिना स यि प्रतीत िोता ि कक
                  िं
                                                                                       े
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                                                ु
               महदरों को सभी काडडशनल हदशाओ स सुलभ योिना का पालन करना था। भारतीय पुरातत्  स िण न
                 िं
                                                                                                             े
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               पुराताजत् क मूल्य क मद्दनिर 1913 में महदर पररसर को राष्रीय मित्  का सरक्षित स्मारक घोवषत
                      ै
               ककया ि।

               अिंत में पररसर में जस्थत एक छोट स िोि स चाय बबस्क ु ट का नाश्ता िाने क बाद और इस भव्य दृश्य
                                              े
                                                                                      े
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                                       े
               को मन में बसा कर िमन महदर पररसर स व दा ली | उस समय मर मन में यि व चार आया था कक मैं
                                         िं
                                                      े
                                                                                                           ै
               इस अव स्मरणीय  यात्रा को शब्दों का ऱूप दने का अ श्य प्रयत्न कऱूगी | आि यि सपना पूणश िआ ि|
                                                                             िं
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                                                                                                  हरजोत कौर,
                                                                                       ां
                                                                                      सयुक्त मह प्रबन्िक(परर०)
                                                                                                           42
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