Page 41 - Lakshya
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सकारात्मक और आशा ादी िोन में कोई बुराई निी ि, परन्तु सच्चाई को स् ीकार
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करना और सिंशोचधत सुधारात्मक योिना स काम करना मित् पूणश ि। ास्तव कता को स् ीकार
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करना ननराशा ादी निीिं ि, यि आपको आग बढ़न, सुधार करन और योिनाबद्ध सिंशोचधत
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कार ाई करन की राि हदिाता ि। िममें अपनी गलनतयों को स् ीकारन का सािस िोना चाहिए
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क्योंकक असफलता िी सफलता की सीढ़ी ि ।
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व्या िाररक लोग िोत िैं िो आशा ादी िोत िैं लककन नकारात्मक िबरों को पश करन
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स कतराते निीिं। अपनी क़ाबसलयत क दम पर, क ल बुरी िबर दन की बिाय, अपरपरागत
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तरीकों प्रगनतशील व चारों द् ारा उनक समाधान भी तयार रित िैं। व्या िाररक लोग
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िोणिम और प्रनतफल का मूल्याकन कर, उचचत समय पर ननणशय लत िैं। असफलता पर रुक
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निी िात बजल्क अपनी असफलता स उबरन क सलए कड़ी मिनत करत िैं और दुगन िोश स
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नई ऊचाइया छ ू त िैं।
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आि िमें इस दुननया को बितर बनान क सलए अचधक व्या िाररक लोगों की आ श्यकता
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भा ना
प्रबिंधक (सचच०)
किी हस िी भलय करो
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पत्नी िाथ िाथ में बलन लकर पनत स पुछती ि , दो िाओग क तीन ।
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पनतः रोटी बोला करो साथ में, कन्फयुिन िो िाती ि ।
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पनत- सब्िी में नमक निी ि आि
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पत्नी- ो क्या ि ना, आि सब्िी थोडी िल गई थी
पनत- तो सब्िी म नमक क्यो निी डाला........
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पत्नी- मािं न किा था कक िल पर नमक निीिं नछडकना चाहिए.....
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पुरानी किा त ि : अकल आए थे और अकल िाना ि ।
2021 की किा त ि : अकल आए ि और जितन भी सिंपक में आिंएग ....
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सभी को साथ ल िाना ि ।
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बलविांदर क ु म र,
सह ० प्रबांिक (प्रश ०)
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