Page 45 - Lakshya
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                                                    िं
                                    िं
               have arrived पर  िा तो क ु छ भी निी था | सड़क पर क ल एक क ऊपर एक तीन बड़े पत्थर पड़े थ
                                                                    े
                                                                              े
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               | य दित िी बच्चे और पनत द  ठिाका मार कर िसने लग | और किा “ लो िी यि िैं वप्रय माताश्री
                        े
               क े  रॉक कट महदर !!!! यि दिन इतनी दूर िम आए िैं !!!!”
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                                                                 मैंन  सोचा  और  क ु छ  सनयत  िोत  िए  किा  कक
                                                                                                े
                                                                                                   ु
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                                                                 महदर  सड़क  पर  निीिं  िोगा  |  ककसी  पिाड़  पर
                                                                                         े
                                                                                     े
                                                                 िोना चाहिए  |  पनतद  न भी समथशन ककया पर
                                                                                                        े
                                                                 प्रश्न ये था कक कौन से पिाड़ पर और य बात
                                                                            े
                                                                 अब ककस स पूछी िाए ? आस पास न तो कोई
                                                                                                   िं
                                                                 व्यजक्त हदि रिा था न  िी कोई  ऊचा पिाड़ |
                                                                 एक बार तो मन ककया कक  ापस चला िाए पर
                                                                 सोचा कक चलो िाइ  का िी मिा लत िैं शायद
                                                                                                    े
                                                                                                   े
                                                                 क ु छ ब्रक थ्रू िी समल िाए | और एक बार कफर
                                                                       े
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               िम आग बढ़ने लग | क ु छ दूरी तक िाइ  क बाद दो रास्त  ाला ििंक्शन था और शायद भग ान न
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                                                                                                             े
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               िमारी सुन ली थी िोकक यिा पर िमें एक सज्िन भी हदिाई पड़ | उन्िोंने बताया कक लटट िाती सडक
                                                                          े
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               पर िाना ि और  िा क ु छ चढ़ाई क बाद पाककग समलगी | कफर महदर पिाँचन क सलए पिाड़ पर पदल
                                                                             िं
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               चढ़ना िोगा | बस कफर क्या था | एक नए िोश क साथ िम आग बढ़ चल | पाककग में गाड़ी पाक की ,
                                                         े
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               हटकट सलया और लगभग 5-7 समनट चलन क बाद मसऱूर क रॉक कट महदर क अदभुत दृश्य न िमारा
               स् ागत ककया |

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               तो लीजिय अब िम करत िैं इस महदर की बात |
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               मसऱूर  महदर  उत्तर  भारत  क  पिाड़ी  राज्य  कािंगड़ा  शिर  स  35  ककलोमीटर पजश्चम  में  और  धमशशाला-
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                                                                          िं
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               मकलॉड गिंि स लगभग 45 ककलोमीटर दक्षिण-पजश्चम में िैं। महदर हिमालय की तलिटी में ब्यास नदी
                                                                    े
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               घाटी में बना ि और  धौलाधार प शत की बफीली चोहटयों क सामने ि| मसऱूर असामान्य ऱूप से दशशनीय
                                                                   े
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               ि क्योंकक इस भारत में पव त्र हिमालय क एक पिाड़ स उकरा गया ि। गूगल क अनुसार  मसऱूर क
                                                                                          े
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               हििंदू महदर की मुबई क पास एलीफ ें टा गुफाओ (1,900 ककमी दूर), कबोडडया में अिंगकोर  ाट (4,000
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               ककमी दूर) और तसमलनाडु क मिाबसलपुरम (2,700 ककमी दूर) क रॉक-कट महदरों से समानता हदिती
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               पिली निर में  मसऱूर महदर में मुख्य सरचना बित स महदरों का पररसर प्रतीत िोता ि, लककन यि
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               एक एकीक ृ त सरचना ि जिसक क ें र में एक प्रमुि महदर ि | अचधकाश हििंदू महदरों क व परीत इसका
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               प्र श पू श की ओर निी िैं बजल्क पू ोत्तर  में जस्थत धौलाधार प शत की बफीली हिमालय की चोहटयों की
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               ओर स ि।महदर क पररसर को प्राक ृ नतक सैंड स्टोन की चट्टान स उकरा गया ि। इस पत्थरों स निी
                           िं
                                                                                                             िं
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                                                                        े
               बनाया गया लककन चट्टान को काटकर और पिाड़ों को अिंदर स िोिला करक सिी आकार और आतररक
                                                                                     े
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               िाली िगि बनाए गए िैं। महदरों क  सशिर को एक अििंड चट्टान स उकरा गया ि |  महदर मुख्य
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                                                     े
                                                                                    ै
               गभशगृि में चार प्र श द् ार िैं, जिनमें स एक पू श की ओर ि और पूरा ि | दो उत्तर और दक्षिण की
                                                                        ै
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               तरफ  ाल द् ार आिंसशक ऱूप स पूणश िैं और चौथा द् ार काफी िद तक अधूरा ि। पररसर का मुख्य
                                                                                           ै
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