Page 44 - Lakshya
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मेरी मसऱूर य त्र
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क ु छ चार षश पिल मुझ सपरर ार धमशशाला िान
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का सुअ सर प्राप्त िआ | धमशशाला क लोकल
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ट ू ररस्ट स्थल दिन क बाद सोचा क आस-पास भी
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क ु छ भ्रमण कर सलया िाए | मैंन धमशशाला क
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पास रॉक कट महदरों क बार में पिल किी पढ़ा
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था कक भारतीय पुरातत् स िण द् ारा य महदर
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सरक्षित स्मारक मान गए िैं ,लककन ररसोट में
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ककसी को भी इस महदर क बार में पता न था |
यिा तक की ररसोट की प्लसस ट ू व जिट गाइड
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में भी कोई िानकारी उपलब्ध न थी | गूगल
मप्स पर ढ ूाँढने से पता चला कक यि िगि लगभग
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42 km और डढ़ घट की दूरी पर ि | पिाड़ी रास्ते
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में अनिान रास्त पर स् य कार चलान का ितरा
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िोन क बा िूद भी पनतद न इस िगि पर िान
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क सलए मान सलया और बच्चों को भी मना सलया |
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मन में सोचा कक मसऱूर में घूमन क बाद दोपिर
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का िाना िाकर कागड़ा में ककला दित िए ररसोट
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ावपस आ िायेंग | बहढ़या नाश्त क बाद लगभग
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11 बि िम मसऱूर क सलए चल पड़े और
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माशाअल्लाि अब शुऱू िई गूगल मप्स पर मोबाइल
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डाटा और रोसमिंग नेट क क सिार िमारी मसऱूर यात्रा |
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िैस िी िम धमशशाला स बािर ननकले ; कार में लगा िी.पी.एस नट क कमिोर पड़न लगा और रास्ता
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बतान में आना-कानी करन लगा | कफर मोबाइल पर लोकशन लगा कर िाइ करने लग | शुक्र ि कक
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पिाड़ों में रास्त में परर तशन काफी कम िोता ि | लककन नयी िगि ए अनिाना रास्ता िोने का थोडा
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सा डर मन में अभी भी था | रस्त में चढ़ाई उतराई तो कम थी पर घुमा काफी अचधक थ | सोचा कक
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सड़क पर कोई व्यजक्त हदि तो कन्फमश कर लग कक िम सिी रास्त पर िा रि िैं | पर िमारी ककस्मत
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सड़क पर न कोई बदा, न बन्द की िात | व चसलत मन को शािंत करने क सलए सगीत का सिारा लने
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का सोचा तो बच्चों न आपस में लड़ कर रिी-सिी कसर पूरी कर दी |एक को फ़ास्ट पिाबी नबर चाहिए
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थे और एक को स्लो इजनलश नबर| लककन मुझ और पनतद को तो ककसी माइलस्टोन कक तलाश थी
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जिसम सलिा िो कक ि रास्ता मसऱूर को िाता ि | लगभग एक स ा घिंट की िाइ क बाद क ु छ
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कॉलि स्ट ू डेंट्स टाइप क लड़क लड़ककया हदि |परशान मन कक आस बधी,उनस पूछा पर उन्िें इस
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महदर की कोई िानकारी न थी | एक बार कफर गूगल बाबा पर भरोसा करत िए और ऊपर ाल को याद
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करत िए िम अपन तय रस्त पर चलत गए | गूगल मप्स क अनुसार अब क ल 15 समनट का सफ़र
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बाकी था और ये 15 समनट तो सबसे लम्बे 15 समनट थे | बच्च लड़ कर और मैं नव गट कर क थक
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चुक थ | अब तो बस महदर क आने का इन्तेिार था | लककन य क्या? गूगल मप्स न किा you
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