Page 35 - तुतारी
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भगवान रामच ने दह ु राया......."और तुम उसक इस एक छोटी सी गलती को दोष दते हो, भरत!!......य द म
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वनवास न गया होता, तो यह संसार भरत और ल मण जैसे भाईय क अतु य ेम को कसे दख सकता था? म तो
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माता- पता क आ ा का पालन करने क लए वनवास भोगा, ल कन आप दोन ने मेर लए बना कसी क आ ा
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क 14 वष का वनवास भोगा। य द वनवास मेर भा म नह होता, तो भाई-भाई का र ा कसा होना चा हए, यह
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संसार को कसे मालम होता?
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भरत को अपने का उ र मल गया और उ ने बना कछ कह भगवान ीराम को ेमपूव क अपने दय से
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लगा लया!! इस लए ‘’राम’’ एक नारा नह ह ब राम एक वहार ह, एक च र ह, एक जीवन शैली ह। ै
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