Page 7 - तुतारी
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                                                         संदश


                                                                 े
                                                               ं
             राजभाषा   ह  दी  लोग   को  जोड़ने  एवं  सामा जक    यव  थाओ  क  बीच  एक  कड़ी  का  काम  करती  ह।   हम   ह  दी  को
                                                                                              ै

                                   े
                               ं
              जतना  मजबूत  बनाएगे  दश  का  सामा जक  सौहाद  उतना  ही  सु ढ़  होगा।    व वधता  म   एकता  क    व श  टता  वाल े
             इस   वशाल  रा     को  एक  सू   म   बांधे  रखने  म    ह  दी  क   मह  वपूण   भू मका  रही  ह।
                                                                                   ै
                                        ै
             यह  हमारा  दा य  व  और  कत   य  ह   क  हम  राजभाषा   ह  दी  का   योग  अपने  काया लयीन  काय   म   अ धका धक  करते
              ए  अपनी  संवैधा नक   ज  मेदा रय   का   नव हन  पूरी  त  मयता  क  साथ  कर।

                                                                  े
             इसक  अनुपालन  म   हडको  मुंबई   े ीय  काया लय  ने  राजभाषा   ह  दी  गृह  प  का  ‘’तुतारी’’  क    तीय  अंक  क े
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                                                                                             े
              काशन  का  एक  अहम  कदम  उठाया  ह।  आशा  करता      क  प  का  म   हडको  एवं   े ीय  काया लय  क   योजनाओं
                                                            ँ
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             एवं  प रयोजनाओ  संबंधी  त  या  मक  जानका रय   एवं   रपोट   क  साथ-साथ  रोचक   वषय   क   साम ी  प  का  को
                                                                 े
             संवारने  का  काय   करगी।

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             म   इस  प  का  क   काशन  क   लए  हडको  मुंबई   े ीय  काया लय  एवं  संपादक  मंडल  को  अपनी  ओर  से  प  का

                                                         ँ
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                                                  ं
             क  सफल   काशन  क   हा दक  शुभकामनाए  दता   ।


                                                                                               (एम.नागराज)
                                                                                                           ं
                                                                                     नदशक ( नग मत योजनाए)
                                                                                       े























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