Page 73 - आवास ध्वनि
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हमाररे बुजुगद्ध
जषुग्य िमलारला स्वलाहभमलाि, िमलारे समलाज की धरोिर िैं,
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िम उन्हें छोड़कर इवतिलास बोध से कट जलाते िैं और
इवतिलास बोध से कटे समलाज जड़ों से टूटे र्ेड़ जैसे सूख जलाते िैं।
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शजस र्ररवलार में बड़ बजषुगयों कला सम्लाि ििीं िोतला उस र्ररवलार में
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सख, संतषुहटि और स्वलाहभमलाि ििीं आ सकतला।
िमलारे र्लालि-र्ोषण, ववकलास और कल्यलाण क ललए िमलारे
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बजषुग्य अर्िला सव्यस्व दलाि कर दते िैं। र्हद िम र्ररवलार में
स्लार्ी सख, शलांवत और समृक््दद चलािते िैं तो र्ररवलार में बजषुगयों
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कला सम्लाि करें, लेनकि र्ि िमलारला दषुभला्यग्य िै नक समलाज में
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निरंतर िो रिे र्ररवत्यि से कभी िमलारे र्ररवलार की शलाि किे जलािे र्षुवला र्ीढ़ी को िवतक मूल्यों और सलामलाशजक शजम्दलाररर्ों
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वलाले िमलारे बड़-बजषुग्य आज र्ररवलार में अर्िे िी अत्स्त्व को क बलारे में शसखलाते िैं।
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तललाशते िजर आ रिे िैं। वतिकला-वतिकला जोड़कर अर्िे बच्ों 5. प्ररेरणा का स्ोत: बजषुग्य अक्र िमलारे ललए प्रेरणला कला
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क ललए आशशर्लािला बिलािे वलाले र्े र्षुरलािी र्ीढ़ी क लोग अब खद स्रोत िोते िैं। उन्होंिे जीवि में कई चषुिौवतर्ों कला सलामिला
आशशर्लािे की तललाश में दरबदर भटक रिे िैं। नकर्ला िै, लेनकि िलार ििीं मलािी िै। वे िमें शसखलाते िैं नक
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र्क हुए अगूर जब नकशवमश बि जलाते िै उिकी कीमत चलार गषुिला कठठि र्ररब्स्वतर्ों में भी धैर््य और दृढ़ संकल्प रखिला
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िो जलाती िै। ज्लाि , सूझबूझ और जीवि क सख दषुख क धूर् से मित्वर्ण्य िै।
शसक हुए बजषुगयों क अिषुभव सेित क ललए नकतिे ललाभकलारी िै 6. बड़- बजषुगयों कला जीवि में िोिला बहुत मित्वर्ण्य भूवमकला
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वबकिल स नकशवमश की तरि निभलातला िै। उिकी उर्ब्स्वत मलारि से िी घर सरलक्षत मिसूस
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बजषुगयों कला िमलारे जीवि में अयिंत मित्व िै। वे िमलारे र्ररवलार िोतला िै।बड़ - बजषुगपो कला घर र्र रििे से िी आर् बेहिक्र िो
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और समलाज की रीढ़ िैं, और िमलारे जीवि को अिेक प्रकलार से जलाते िैं नक बच् घर र्र आरलाम से िोंगे और सरलक्षत भी।
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समृद्ध करते िैं। जैसे:
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बजषुग्य िमलारे जीवि में रत्न िैं। सभी बजषुग्य समलाि ििीं िोते िैं।
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1. ज्ान और अनुभव का भंडार: बजषुगयों क र्लास जीवि कला प्रयिेक व्यशक्त कला अर्िला अिूठला अिषुभव और दृहटिकोण िोतला
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खजलािला िोतला िै। । वे िमें जीवि जीिे क तरीक, चषुिौवतर्ों
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कला सलामिला करिे, और सिी निण्यर् लेिे क बलारे में शसखला
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सकते िैं।
2. स्ह और मागद्धदशद्धन का स्ोत: बजषुग्य िमेशला िमलारे ललए स्ेि
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और समथ्यि कला स्रोत िोते िैं। वे िमें वबिला शत्य प्लार करते
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िैं और िमलारी सिलतला क ललए िमेशला प्रलाथ्यिला करते िैंऔर
िमें सिी और गलत क बीच अतर करिे में मदद करते िैं।
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3. सांस्ृर्तक मूल्यों का वाहक: बजषुग्य िमलारी संस्ृवत और
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र्रंर्रलाओं क वलािक िोते िैं। वे िमें अर्िी जड़ों से जोड़ते िैं
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और िमें अर्िी संस्ृवत क बलारे में शसखलाते िैं।
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4. समासजक क्स्रता का आधार: बजषुग्य समलाज में ब्स्रतला
और संतलि बिलाए रखिे में मित्वर्ण्य भूवमकला निभलाते िैं। वे
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