Page 70 - आवास ध्वनि
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कप्टर का जादू
कलागजों की भीड़ में खोर्ला थला मि, आसलाि हुआ अब सबकला कलाम,
िर कलागज िे नकर्ला रिलासदी कला वण्यि। टेक्ोलॉजी से जड़ला िर इसलाि।
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र्िले िलाइलें ढरों िोती थीं, अब िमलारला ऑहिस हुआ स्लाट्य,
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कलाम में बहुत दरी िोती थी। कप्टर िे हदर्ला िर कलाम को िर्ला स्टलाट्य।
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अब आर्ला कप्टर कला ्ज़मलािला, कप्टर क संग चलला अब संगठि,
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िर कलाम हुआ सिज, िर ची्ज़ िै आसलाि। िर कलाम िोगला जल्ी, सयि िै कथि।
ि समर् की बबला्यदी, ि कलागज की भीड़, अब कोई गलती ििीं, सब कलाम र्क्ला,
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कप्टर िे सबको िई रलाि की र्िचलाि दी| कप्टर िे कर हदर्ला सब कछ सच्ला।
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बस एक क्क्क में संसलार समेटला, िई सोच, िई उमंग,
र्षुरलािी धूल से मक्त हुआ िटला। संस्ला में आर्ला प्रगवत कला रंग।
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कप्टर से िर कलाम हुआ चटकी में, कप्टरीकरण से वमलला िर्ला आधलार,
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िर मषुत्श्कल अब सलझी र्लभर में। संस्ला कला भववष्य अब हुआ सलाकलार।
n हरेमलता शमाद्ध
संर्षुक्त मिला प्रबंधक, आईटी
ििको
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