Page 65 - आवास ध्वनि
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उिक रििे कला स्र सधर गर्ला िै। आज प्रधलािमंरिी आवलास
र्ोजिला से कई लोगों को र्क् मकलाि वमल रिे िैं. सभी
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ललाभलाशथर्ों िे हृदर् से मलाििीर् श्ी िरदीर् शसि र्षुरी जी
कला आभलार प्रकट नकर्ला तथला सरकलार द्लारला गणतंरि हदवस
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क मौक र्र उि सबको हदल्ी बललाकर र्रेि हदखलािे क
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ललए व उि सभी क ललए आिे जलािे, रििे इयिलाहद की उत्तम
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सववधलाए दिे िेत भी धन्यवलाद हदर्ला।
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कलार््यक्रम क अवतम हदि, सभी ललाभलाथती मेिमलािो को उिक
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गन्व्य स्लािों र्र र्हुचिे िेत, रेलवे स्टेशि, एअरर्ोट्य, बस
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अड्डों र्र समर्लािषुसलार र्हुचला हदर्ला गर्ला। इस प्रकलार िमलारी
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ड्टी सिलतलार्व्यक र्ूरी िो गई।
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ििको क वलावषक समलारोि में, िम सभी अशधकलाररर्ों को,
इस कलार््यभलार को संतषुहटि व सिलतला र्व्यक निभलािे िेत षु
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बहुत िी सषुन्र ट्लािी व एक प्रशत्स् र्रि से सम्लानित
नकर्ला गर्। ििको द्लारला इस कलार््य िेत मझे सक्षम
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समझिे क ललए, मैं ििको कला धन्यवलाद दिला चलाहूगी।
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सच, र्े मेरे जीवि की सखद स्ृवत व अयिंत िी र्लादगलार
अिषुभव रिेगला...
n अडनता ग्ोवर
वररष्ठ प्रबंधक,प्रशलासि
ििको
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