Page 61 - आवास ध्वनि
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आत्मडनभद्धर नाररी



                                                                                                    ँ
                                                        कभी कभी मेरे हदल में र्े ख्लाल आतला िैं नक मैं कौि हू मेरला वजूद क्ला
                                                                                  ँ
                                                           िैं? मैं क्ला थी और मैं क्ला हू और क्ला िो गई ?
                                                             र्े चंद शब्द मेरे कलािों में और मत्स्ष्क में िमेशला से घूमते
                                                               रिते थे I

                                                                 एक हदि मैं अर्िी कलार लेकर ऑहिस से घर की तरि जला

                                                                   रिी थी, अचलािक मिे दखला नक ललाजर्त िगर की ललाल
                                                                                   ैं
                                                                                      े
                                                                    बती र्र एक महिलला ऑटो ररक्शला चलला रिी िैं तब मिे
                                                                                                               ैं
                                                                                   े
                                                                    सोचला नक जिलाँ कवल र्षुरुष िी र्े कलाम नकर्ला करते
                                                                                                           े
                                                                                          ं
                                                                    थे विी कलाम आज महिललाए भी अर्िे र्ररवलार क भरण
                                                                                े
                                                                    र्ोषण करिे क ललए बखूबी कर रिी िैं वो भी बहुत
                                                                       सलािस से, चेिरे र्र वबिला नकसी शशकि र्ला थकि
                                                                       क, र्े सोचते सोचते मैं आगे बढ़ी और मिे अर्िी
                                                                        े
                                                                                                         ैं
                                                                                              ैं
                                                                     कलार र्ेट्ोल र्म्प र्र रोंकी I मिे अर्िी कलार में र्ेट्ोल
                                                                     भरवलार्ला और विलां भी मेरी िजर अचलािक थम सी गईI
                                                                      ैं
                                                                     मिे  दखला नक र्ेट्ोल र्म्प र्र एक औरत िे िी मेरी
                                                                           े
                                                                 कलार में र्ेट्ोल भरला उसको दखकर मेरे में और हिम्त आई
                                                                                        े
                                                                                                  ं
                                                                  नक आज र्ेट्ोल र्म्प र्र भी महिललाए कलाम करिे लगी
                                                                               े
                                                                   िैं इसी सोच क सलाथ में घर नक और रवलािला िो गई तभी
                                                                  मेरी कलार ललाल बती र्र रुकी और ग्ीि ललाइट िोते िी
                                                                  मेरी िजर लेिी ट्ैहिक र्षुललस र्र र्ड़ी जो नक बहुत िी
                                                                अच् तरीक से ट्ैहिक कला संचलालि कर रिी थी I  तब तो
                                                                         े
                                                                    े
                                                                षु
                                                              मझे र्ूरला र्कीि िो गर्ला नक आज एक महिलला नकसी र्षुरुष
                              से कम ििीं I वो आज र्षुरुषों से कदम से कदम वमललाकर उिसे भी बेितर करिे की कोशशश में लगी
                              हुई िैं और शजसकला िमें सम्लाि करिला चलाहिए I आज एक औरत इस समलाज में एक मलाँ, एक बिि  और

                                                                                                            षु
                                                 षु
                              एक र्त्नी कला िज्य बखबी अदला कर रिी िै आज एक महिलला इस समलाज में बहूत आगे जला चकी िैं
                                                                                                 ँ
                              एक िॉक्टर, र्लार्लट, इशजनिर्र, सेिला, मेट्ो अन्ररक्ष  ववज्लानिक क तौर र्र िई ऊचलाईर्ों तक र्हुच
                                                 ं
                                                                                     े
                               षु
                              चकी िैं और समलाज में एक बहूत बड़ी मित्वर्ण्य भूवमकला निभला रिी िैं र्े शशक्त िी तो िैं जो एक िलारी
                                                                    ू
                              को कदरत से जन्म से वमली हुई िैं और इस समलाज को और सम्पूण्य जगत को िलारी की इस शशक्त कला
                                  षु
                              सम्लाि करिला चलाहिए I
                                                                                              n  आशा कनाल भगत
                                                                                                       ु
                                                                                               हिदी िोिल अशधकलारी
                                                                                                 ं
                                                                                                           ििको

                                                                                                                61
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