Page 63 - आवास ध्वनि
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तदोर्रलांत मलाििीर् प्रधलािमंरिी जी व अन्य गणमलान्य अवतशथ भी
                                                               सललामी मंच क स्लाि र्र र्हुचे।
                                                                                     ं
                                                                          े
                                                               र्रेि कला प्रलारंभ फ्लांस क 30 कललाकलारों क बि से हुआ शजिकला
                                                                                 े
                                                                                               े
                                                                                                  ैं
                                                               प्रदश्यि बहुत िी अच्ला लगला, र्रमवीर चक्र ववजेतला, अशोक चक्र
                                                               से सम्लानित बच्, भलारत की उशचत सलामशर्क शशक्त कला प्रदश्यि.
                                                                            े
                                                               र्िली बलार रोमलांच से सरलाबोर, आकष्यक र्ररधलािों में, असलाधलारण
                                                                                   ्य
                                                               तीव्रतला, दश क प्रवत समर्ण, कत्यव्यर्रलार्णतला और अिषुशलासि
                                                                       े
                                                                          े
                                                                                                        े
                                                               क सलाथ, जल, थल और वलार्षु सेिला क महिलला दस्, कदम से
                                                                                             े
                                                                े
                                                               कदम  वमलकर  मलाच्य  करते  हदखलाई  हदए।  आकष्यक  र्ररधलािों
                                                               में हिम वीरलांगिला, भलारत-वतब्त सीमला बि, आई टी बी र्ी कला
                                                                                               ैं
                                                               महिलला बि, सीमला सरक्षला बि, शलावत, सेिला और न्यलार् क मोटो
                                                                                     ैं
                                                                                          ं
                                                                                                           े
                                                                      ैं
                                                                               षु
                                                                े
                                                               क सलाथ, हदल्ी र्षुललस कला बि, कत्यव्य र्थ जिलाँ वगद्ला करती
                                                                                       ैं
                                                                                                             ं
                                                                       े
                                                               मषुनटर्लार क सलाथ शथरकला, तो विीँ, मोटरसलाइनकल र्र िैरतअगेज
                                                               सलािशसक करतब करती महिलला शशक्त क सलाथ गरजला। उसक
                                                                                                                े
                                                                                                े
                                                               र्शचलात रोमलांच, उत्सलाि, उमंग से भरर्ूर बीएसएि, सी आर र्ी
                                                                               े
                                                                    े
                                                               एफ़ क महिलला दस् िे कत्यव्य र्थ र्र उर्ब्स्त सभी भलारवतर्ों
                                                                                  षु
                                                                                      े
                                                               को स्धि कर हदर्ला। शन्य क आववश्कलार से निशजटल वववि में
                                                               छललांग, र्ंचलागों क खगोलीर् गलणत से चन्द्मला की सिलतला,
                                                                             े
                                                                      े
                                                               दषुनिर्ला क कॉर्पोरेट क्षेरि में भलारवतर्ों कला सम्लािजिक रुतबला,
                  े
         शंख िलाद क सलाथ र्रेि कला आरम्भ हुआ। मिलामहिम मलाििीर्   वववि शशक्त की िगर र्र बढते कदम, शौर््य संतलि की वमसलाल
                                                                                                    षु
                     े
         रलाष्टर्वत मषुमू्य क सलाथ, भलारत द्लारला आमंहरित फ्लांस क रलाष्टर्वत   – िलारी शशक्त कला अद्भषुद र्ोगदलाि।
                                                   े
         श्ी इमेिषुअल मैक्रोि, की बग्ग्र्ो क कलाहिलला को कत्यव्य र्थ
                                     े
                                                                                   े
                                                                           े
                                                                   षु
         र्र दखते िी सभी स्धि रिे गए। उसक बलाद मलाििीर् गृि मंरिी,   मंरिमग्ध कर दिे वलाली दश की समृद्ध सलांस्ृवतक ववववधतला,
                                       े
             े
                                                                                                              ें
                                                               एकतला  और  प्रगवत  को  प्रदशशत  करती,  ववहभन्न  रलाज्यों,  कद्र
                                                                                       टि














                                                                                                                63
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