Page 86 - आवास ध्वनि
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         संभव बि र्लातला िै। भलाषला िी वि मलाध्यम िै शजससे ज्लाि और   तवमल; 20. तेलगू; 21. उदू; 22. संस्त
         अिषुभव एक र्ीढ़ी से दूसरी र्ीढ़ी तक संचररत िोते िैं । िम ऐसला   इिक अवतररक्त भी भलारत में बहुत सी अन्य उर्भलाषलाए और बोललर्लाँ
                                                                                                      ँ
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         मलाि सकते िैं नक भलाषला से ववहभन्न संस्ृवतर्ों और सभ्यतलाओं   िैं शजिकी अर्िी क्षेरिीर् ववशेषतला और सलांस्ृवतक र्िचलाि िै ।
         कला ववकलास हुआ िै क्ोंनक भलाषला क ववकलास और उसक जि-   भलारत की भलाषलाओं की ववववधतला र्िलाँ की सलांस्ृवतक समृलद्ध
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         जि तक र्हुचिे में ज्लाि और अिषुभवों को एक र्ीढ़ी से दूसरी   और संर्न्न ऐवतिलाशसक ववरलासत  को दशला्यती िैं । ववहभन्न भलाषलाई
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         र्ीढ़ी तक र्हुचिे में सववधला वमली िै और इस तरि सभ्यतला तथला   जिगणिलाओं  क अिषुसलार भलारत में लगभग 122 प्रमख भलाषलाए  ँ
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                                                                                                        षु
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         संस्ृवत समर् क सलाथ समृद्ध बिती गर्ी िै । भलाषला से मिषुष्य   और 1599 बोललर्लाँ िैं। र्ि सचमच में एक बड़ला आकड़ला िै जो
                                                                                          षु
         क शचति-मिि शैली कला ववस्लार संभव बिला िै। भलाषला से मलािव   िमें भलारत भूवम की सलांस्ृवतक ववववधतला से अवगत करवलातला िै।
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         मत्स्ष्क क सोचिे और ववचलार करिे की क्षमतला कला ववकलास   आचिर््य की बलात िै नक सभी भलारतीर् भलाषलाए एक दूसरे से नकसी
                                                                                                 ँ
         हुआ िै क्ोंनक मिषुष्य क र्लास अर्िे वववेचिों को व्यक्त करिे   ि नकसी ि रूर् में मेल खलाती िैं, जैसे असवमर्ला और बलांग्ला भलाषला
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         कला सलाधि ‘भलाषला’ रूर् में मौजूद थला । व्यशक्त अर्िे जनटल ववचलार,   क अक्षरों की बिलावट एक समलाि प्रतीत िोती िै तो विीं हिदी क
                                                                                                            ं
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         तक और ववचलारधलारलाओं को भलाषला में ढलालकर अशधक व्यवब्स्त   अक्षर किीं ि किीं र्ंजलाबी, गजरलाती भलाषला क अक्षरों की बिलावट
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         तरीक से व्यक्त करिे में सक्षम बिला िै । भलाषला से िमलारे शचति   से मेल खलाते िैं। विीं, भलारतीर् भलाषलाए कई भलाषलाई र्ररवलारों में भी
                                                                                            ँ
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         और ववश्षण की िर्ी-िर्ी र्रतें खलती िैं और मिषुष्य ववकलास   ववभलाशजत िैं, जैसे इिो-आर््यि, द्रववड़, वतब्त-बम्यि एवं अन्य।
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         क  र्थ  र्र  िर्ी  संभलाविलाए  खोज  लेतला  िै।    भलाषला  िे  िमलारी   इतिला िी ििीं,  इि भलाषलाई र्ररवलारों क बीच भी कई समलाितलाए  ँ
                                                                                            े
         संस्ृवतर्ों की अत्स्तला और ववशेषतलाओं को संजोिे में अिम   और हभन्नतलाए िैं शजिकला अध्यर्ि भलाषला ववज्लाि ववषर् क अतग्यत
                                                                         ँ
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         भूवमकला निभलाई िै। भलाषला किीं ि किीं िमलारे सलांस्ृवतक गौरव से   संभव िै । िलाललानक, भलारतीर् भलाषलाए अलग-अलग ललहर्र्ों कला
                                                                           ँ
                                                                                           ँ
         जषुड़ी धरोिर िै जो िमें अर्िे मूल्यों, र्रंर्रलाओं और रीवत-ररवलाजों   उर्र्ोग करती िैं, जैसे हिदी क ललए दविलागरी, तवमल क ललए
                                                                                      े
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         को संग्हित करिे में सिलार्क िोती िै । विीं िमलारे शशक्षला और   तवमल ललहर्, और बलांग्ला क ललए बलांग्ला ललहर्। ललहर् प्रर्ोग
                                                                                     े
         अिषुसंधलाि क क्षेरि में भी भलाषला कला अयिशधक र्ोगदलाि िै । भलाषला   से िी सभी भलाषलाओं क अक्षर और उिकी बिलावट क तरीक में
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                                                                                                              े
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         की सिलार्तला से व्यशक्त िर्े-िर्े शोध करतला िै और  उस शोध   अतर आतला िै। िमलारी प्रयिेक भलारतीर् भलाषला ववस्त सलांस्ृवतक
                                                                ं
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         से प्रसूत सैद्धलांवतक तथला व्यलाविलाररक ज्लाि को व्यवब्स्त करक   र्िचलाि कला प्रतीक  िै। शजस प्रकलार ववहभन्न भलाषलाओं में सृशजत
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         उसे दश और समलाज में संप्रेवषत करतला िै। शोध एवं अिषुसंधलाि में   कई बोललर्लाँ िमलारी नकतिी िी क्षेरिीर् ववववधतलाओं को प्रकट
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         भलाषला िवलाचलार और प्रगवत को बढ़लावला दती िै । शजस तरि भलाषला   करती िैं उस तरि र्ि कििला िी उशचत िोगला नक िमलारे र्लास
         िे मलािव समलाज क ववकलास में एक मौललक भूवमकला निभलाई िै,   अर्िी भलाषला कला िोिला, िमलारे ललए एक जलातीर् गौरव कला िोिला
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         वि वलास्व में िमलारे ललए एक ऐसला सलाधि बि गर्ी िै शजसक   दशला्यतला िै । भलाषलाई ववववधतला कला एक सरल उदलािरण िमें  हिदी
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         वबिला िमलारला जीवि वबि जल कला कर् िै। भलाषला िमलारे जीवि   भलाषला की ववहभन्न क्षेरिीर् बोललर्लाँ में दखिे को वमलतला िै, जैसे:
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         कला अनिवलार््य और अहभन्न हिस्ला िै, शजसक वबिला िमलारला रो्ज़मरला्य   अवधी, ब्रज, एवं भोजर्षुरी भलाषला । िमलारी  भलारतीर् भलाषलाए िमलारी
                                                                                                           ं
         जीवि अधूरला र्ला  शून्य िै । लेनकि भलाषला में भी कई ववस्लार और   गौरवशलाली  इवतिलास  र्रंर्रला  की  र्ररचलार्क  िैं  ।  र्ि  िमलारी
         रूर् िैं। उदलािरण क ललए, िर क्षेरि और इललाक की अर्िी अलग   अर्िी भलाषलाए िी िैं शजन्होंिे िमें आधनिक समर् में भी िमलारी
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         बोली र्ला भलाषला िै। अगर िम भलारत क संववधलाि में मलान्यतला प्रलाप्त   जलातीर् र्िचलाि को बचला कर रखला िै। अतः भलाषला कला िोिला सीधे
         भलाषलाओं की बलात करें तो संववधलाि की आठवीं अिषुसूची में कल   तौर र्र िमलारे अत्स्त्व कला िोिला िै शजसे िम भववष्य में भी कभी
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         22 भलाषलाए आती िैं, जो नक इस प्रकलार िैं: 1. हिदी; 2. अग्े्ज़ी; 3.   िकलारकर, उससे अलग ििीं िो सकते िैं।
                                                    ं
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         असवमर्ला; 4. बलांग्ला; 5. बोिो; 6. िोगरी; 7. गजरलाती; 8. हिदी;
                                                       ं
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         9. कन्नड़; 10. कश्ीरी; 11. कोंकणी; 12. मैशथली; 13. मलणर्षुरी;                         n वैशालरी कटाररया
                                                                                      ं
         14. मरलाठी; 15. िर्लाली; 16. ओनड़र्ला; 17. संथलाली; 18. शसधी; 19.   शोधलाथती, हिदी ववभलाग, हदल्ी ववविववद्यलालर्
                                                    ं
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