Page 9 - आवास ध्वनि
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भा्षाई दृष्टि स ष्हदरी की समृर्दता
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रत दश भौगोललक दृहटि से दषुनिर्ला कला 7वलां सबसे समर्-समर् र्र ववहभन्न ववदशी आक्रलांतलाओं कला शलासि रिला िै
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बड़ला दश िै। इसक अललावला, संर्षुक्त रलाष्ट जिसंख्ला इसकला वववरण इस प्रकलार िै:
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कोष की 2023 की ररर्ोट्य क अिषुसलार भलारत की जिसंख्ला (।) मगल शलासि कलाल 1526 ई. से 1858 ई. तक रिला
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142.86 करोड़ िै, इस ललिलाज से भलारत की आबलादी दषुनिर्ला (331 सलाल)
में सबसे अशधक िै। इसक अवतररक्त, भलारत में दषुनिर्ला क सभी
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धमला्यम्बलंबी अथला्यत् हिदू, मस्लिम, ईसलाई, शसख, बौद्ध, जैि और (II) ईस्ट इनिर्ला कर्िी 1785-1858 ई. तक रिला (73 सलाल)
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र्लारसी समषुदलार् क लोग सौिलादर्ण्य मलािौल में वमल-जलकर (III) शब्रनटश शलासि कलाल 1757 ई. से 1947 ई. तक रिला
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रिते िैं। इसी प्रकलार भलारत में ववहभन्न जलावतर्ों क लोग भी (190 सलाल)
खशिलाल शजदगी गजर-बसर करते िैं। र्िलां र्ि उल् लेख करिला भी प्रलासंवगक िोगला नक नकसी
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कल वमललाकर, भलारत ववववधतलाओं से र्ररर्ण्य दश िै। चलािे बलात भौगोललक प्रदश की भलाषला उस र्र शलासि करिे वलाले सलाम्लाज्य
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धम्य, आस्ला, ववविलास और र्ंथ की िो, चलािे बलात संस्वत की िो की भलाषला िोती िै। इस ललिलाज से भलारत में समर्-समर् र्र
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और चलािे बलात भलाषला की िो र्ला रिि-सिि, खलाि-र्लाि की िो, अरबी, िलारसी, उदू, संस् कत और अग्जी भलाषला कला वच्यस्व रिला
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भलारत िर मलामले में समृद्ध दश िै। िै। अत: स्वलाभलाववक रूर् से हिदी भलाषला की वत्यमलाि ब्स्वत में
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जिलां तक रलाजभलाषला हिदी कला सवलाल िै, हिदी कोई एक भलाषला इि भलाषलाओं क र्ोगदलाि को कमतर ििीं आकला जला सकतला
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ििीं िै बब्कि र्ि भलारतीर् भलाषलाओं कला एक समूि िै। हिदी िै। उर्र्क त क अवतररक्त, आज की हिदी भलाषला में संस्त,
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भलाषला की समृद्धतला में शजतिला र्ोगदलाि भलारतीर् भलाषलाओं कला र्लालल, र्लाकत, अवशध, भोजर्षुरी, मैशथली, बंगलाली, असमी,
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िै, लगभग उतिला िी र्ोगदलाि ववदशी भलाषलाओं कला भी िै। र्िलां उनि़र्ला, शौरसैिी, मलागधी, उदू, रलाजस् थलािी, मैणी, भीली, शसधी,
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इस बलात कला उल्ख करिला प्रलासंवगक िोगला नक भलारत दश र्र िररर्लाणवी, र्ंजलाबी, गढ़वलाली, कमलाउिी, िर्लाली आहद भलाषलाओं
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