Page 14 - आवास ध्वनि
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आकटि नकर्ला िै। इसी कलारण बड़ी संख्ला
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में संस्त और हिदी की श्ष्ठ रचिलाओं कला
अिेक ववदशी भलाषलाओं में अिषुवलाद हुआ
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और र्ि कलार््य निरंतर जलारी िै| कछ प्रमख
अिषुवलादों र्र अब र्िलाँ चचला्य करेंगे।
संस्त क वेदों र्षुरलाणों उर्निषदों क
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अवतररक्त संस्त सलाहियि कला ववववध
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भलाषलाओं में सलाहित्यिक अिषुवलाद िोतला
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रिला िै, शजिमें से कछ चशचत अिषुवलाद इस
प्रकलार िैं - आहद कवव वलाल्मीनक द्लारला
रशचत ‘वलाल्मीनक रलामलार्ण’ कला प्रोिसर
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शचिवतग िॉि िे चीिी भलाषला में अिषुवलाद
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नकर्ला| मिषुस्ृवत, वलात्सलार्ि रशचत
कलामसूरि, और मृच्कनटकम् जैसी संस्त
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की मित्त्र्ण्य कवतर्ों कला प्रोिसर सवला्यशधक चशचत उर्न्यलास ‘मैलला आचल’ कला इतलालवी भलाषला में
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हक्रस्टोिर शब्रस्ी िे र्ोललश भलाषला में अिषुवलाद नकर्ला। संस्त क िॉक्टर शचर्ीललर्ला और र्ोललश भलाषला में र्ल्यूष र्लारिोवस्ी िे
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दूसरे मिलाकलाव्य ‘मिलाभलारत’ क कछ अश तथला ‘बेतलाल र्चीसी’ अिषुवलाद नकर्ला| इसक अवतररक्त रोमलानिर्ि, चीिी और फ्लांसीसी
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कला र्ोललश भलाषला में अिषुवलाद िेलेिला वबलमलािोवला िे नकर्ला। भलाषला में भी ‘मैलला आचल’ कला अिषुवलाद िो चकला िै। र्शर्लाल द्लारला
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रशचत ‘झूठला सच’ तथला हिमलांश जोशी द्लारला रशचत ‘कगलार की
भलारतीर् संस्ृवत को वैश्विक स्वरूर् प्रदलाि करिे में शजस रचिला
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की सवला्यशधक भूवमकला रिी िै, वि िै - मिलाकवव तलसीदलास द्लारला आग’ कला चीिी भलाषला में अिषुवलाद प्रोिसर शचिवतङ् िॉि िे नकर्ला।
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रशचत - रलामचररतमलािस। इसकला अग्जी में अिषुवलाद फ्िररक जर्शंकर प्रसलाद की किलानिर्लाँ और कष्ण चंद्र की ‘दलादर र्षुल
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सैमअल ग्लाउज िे नकर्ला, तो चीिी में अिषुवलाद प्रोिसर शचिवतग क बच्’ कला बल्लाररर्ि भलाषला में अिषुवलाद कॉलचो कोवलाचेव िे
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िॉि िे नकर्ला। नकर्ला| प्रशसद्ध रूसी ववद्लाि र्ी. ए. वलारलाहन्नकोव िे उर्ेंद्रिलाथ अश्क
क उर्न्यलास ‘वगरती दीवलारें’ ववष्णषु प्रभलाकर द्लारला रशचत ‘हिमलालर्
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हिदी क ‘उर्न्यलास सम्लाट’ र्ला ‘कलम क शसर्लािी’ जैसे अलंकरणों की बेटी’ तथला हिदी क प्रख्लात व्यलाकरण आचलार््य कलामतला
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से ववभूवषत मंशी प्रेमचंद की अिेक किलानिर्ों और उर्न्यलासों कला प्रसलाद गरु द्लारला रशचत ‘हिदी व्यलाकरण’ कला रूसी में अिषुवलाद
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ववहभन्न ववदशी भलाषलाओं में अिषुवलाद िो चकला िै। र्ि इस बलात नकर्ला। मोिि रलाकश क चशचत िलाटक ‘आषलाढ़ कला एक हदि’ कला
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कला प्रमलाण िै नक प्रेमचंद कला लेखि अर्िे समर् क सलामलाशजक- र्ोललश भलाषला में अिषुवलाद र्ल्यूष र्लारिोवस्ी िे नकर्ला। प्रोिसर
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सलांस्ृवतक प्रश्नों से निरंतर जूझतला रिला िै। प्रेमचंद कला सलाहियि हक्रस्टोिर शब्रस्ी िे सवविर दर्लाल सक्ेिला द्लारला रशचत ‘बकरी’
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तत्कलालीि भलारतीर् समलाज कला दर्ण किला जलाए, तो कोई और लक्षी िलारलार्ण ललाल द्लारला रशचत ‘तोतला मैिला’ क अवतररक्त
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अवतशर्ोशक्त ििीं िोगी। उिक द्लारला ललखे 12 उर्न्यलासों में प्रेमचंद की किलािी ‘गरीब की िलार्’ कला हिदी से र्ोललश भलाषला
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सवला्यशधक चशचत एवं प्रशसद्ध उर्न्यलास िै - गोदलाि। ‘गोदलाि’ में अिषुवलाद नकर्ला।
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को भलारतीर् नकसलाि और खेती की मिलागलाथला भी किला जलातला िै।
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इसमें ग्लामीण और शिरी भलारतीर् जीवि क ववववध रंग हदखलाई िॉक्टर एवला अरदी िे धम्यवीर भलारती, कमलेविर, जैिेंद्र कमलार,
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दते िैं। प्रेमचंद क इस कलालजर्ी मिलाकलाव्यलात्मक उर्न्यलास मन्नू भंिलारी तथला रलाजेंद्र र्लादव की कछ किलानिर्लाँ, कबीरदस,
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‘गोदलाि’ कला वववि की 20 से अशधक भलाषलाओं में अिषुवलाद िोिला तलसीदलास, िररवंश रलार् बच्ि, मैशथलीशरण गप्त और वीरेंद्र
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स्वर्ं इसकी मित्तला कला र्ररचलार्क िै। वमश् की कछ कववतलाए और रलाष्टकवव रलामधलारी शसि ‘हदिकर’
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क मिलाकलाव्य ‘उव्यशी’ क कछ भलाग कला अिषुवलाद िंगेररर्ि भलाषला
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हिदी क सप्रशसद्ध आचललक कथलाकलार िणीविर िलाथ ‘रेण’ क में नकर्ला िै। कवववर जर्शंकर प्रसलाद द्लारला रशचत मिलाकलाव्य
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