Page 16 - आवास ध्वनि
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                                मरीडडया में अनुवाद: रोजगार क अवसर

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                 षला  व्यविलार  क  व्यलार्क  र्ररप्रेक्ष्  में  अिषुवलाद  की    सलांस्ृवतक,  रलाजिीवतक,  व्यलार्लाररक-व्यलावसलाशर्क  एवं
           भा
                                                                                         े
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                 आवश्यकतला  स्वर्शसद्ध  िै।  भलाषला,  िमलारे  मिोगत   वलालणज्ज्यक  संबंध  स्लार्िला  क  ललए  भी  इसकी  ववशेष
         भलावों एवं संवेदिलाओं को दूसरे क समक्ष प्रकट करिे कला सलाथ्यक   प्रलासंवगकतला िै। हभन्न भलाषलाओं की सलाहित्यिक-सलांस्ृवतक और
                                  े
         और सशक्त मलाध्यम िै। लेनकि, वववि की तमलाम मलािव जलावतर्ों   ऐवतिलाशसक  धरोिर  कला  गिि  एवं  व्यलार्क  अध्यर्ि-वववेचि
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         क बीच र्लारस्ररक संप्रेषण क इस (भलाषला) मलाध्यम में व्यलाप्त भेद   अिषुवलाद से िी संभव िो र्लातला िै। इसक अललावला, मलािववकी और
                                                                                            े
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         को दूर करिे में अिषुवलाद, मित्वर्ण्य संर्क सेत कला कलाम करतला   ज्लाि-ववज्लाि क क्षेरि में दश-ववदश में िो रिे अिषुसंधलाि और
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                                                                       े
         िै। ववहभन्न समलाजों/दश-ववदश क स्र र्र भलाषलाओं की ववववधतला   ववकलास क बलारे में अद्यति और अधषुिलाति जलािकलारी को प्रलाप्त
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         एवं मिषुष्य क भलाषला-ज्लाि की सीमला से र्लार र्लाकर सलाथ्यक संवलाद   करक  अर्िे  दश-समलाज  क  ज्लाि-ववज्लाि  जगत  में  उर्लधि
                                                                                     े
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         स्लाहर्त करिे कला मित्वर्ण्य सलाधि िै - अिषुवलाद। ऐवतिलाशसक   जलािकलारी को समृद्ध-संर्न्न एवं अद्यति करिे क ललए भी अिषुवलाद
                                                                                                  े
                                                                                े
         तथ्य िै नक र्लारस्ररक संर्क की ब्स्वत कला संदभ्य चलािे शसकदर   जरूरी िोतला िै। ज्लाि क अिषुशलासि, शलास्त और ववद्यलाए अिेकलािेक
                                                                                                       ँ
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         और र्ोरस क बीच संवलाद कलार्म करिे से जषुड़ला रिला थला और   िैं और उन्हें अशजत करिे एवं समर् की किीं ि किीं सीवमततला
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         चीिी र्लाहरिर्ों एवं भलारतीर् मिीषला क बीच र्लारस्ररक संवलाद   िै। संबंशधत भलाषला को जलािकर-समझकर उसमें रशचत ज्लािलाहद
                                                                                                       े
         िो र्ला हिर वलास्ो नि गलामला और दलक्षण भलारतीर्ों में संवलाद रिला   कला अज्यि-आस्वलादि करिला समस् मलािव जलावत क नकसी भी
                                                                                                  षु
         िो - अिषुवलाद िी मलाध्यम बिला थला। अिषुवलाद: अनिवलार््य आवश्यकतला   प्रलाणी क ललए एक सीमला क बलाद तो वबकिल संभव ििीं िो
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         एवं ब्स्वत भलाषला ििीं जलाििे वलालों क बीच र्रस्र संवलाद-संर्क   र्लातला िै। इसललए हभन्न भलाषलाओं में रशचत ज्लािलाहद को अर्िी
                                                          ्य
         की  ब्स्वत  में  र्हद  अिषुवलाद  आवश्यक  िै  तो  सलामलाशजक-  भलाषला में ललाकर उस ज्लािरलाशश को अशजत करिला एवं अर्िे भलाषला-
                                                                                            टि























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