Page 15 - आवास ध्वनि
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‘कलामलार्िी’ कला फ्लांसीसी और चीिी भलाषला में अिषुवलाद नकर्ला जला   संदभद्ध
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         चकला िै।                                              1.  रलामचंद्र वमला्य, संलक्षप्त हिदी शब्दसलागर, र्ृष्ठ 43
                                                                                    ं
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         आधनिक  कलाल  क  चशचत  कवव  कवर  िलारलार्ण  की  रचिला   2.  प्रो. र्ूरि चंद टंिि, 9-7-2020 को ई संगोष्ठी में वक्तव्य
         ‘आत्मजर्ी’ कला इतलालवी भलाषला में अिषुवलाद मररर्ोलला अरलादी िे   3.  विी
                                                                                 ं
         नकर्ला िै। 200 से अशधक हिदी की सलाहित्यिक रचिलाओं कला   4.  रलाजभलाषला भलारती, अक 129 अप्रैल-जूि 2010, र्ृष्ठ 12-13
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                                                                                      ं
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         अिषुवलाद बल्लाररर्ि भलाषला में नकर्ला जला चकला िै, शजिमें उदर्   5.  िॉ. रवव शमला्य, ग्ोकल हिदी, र्ृष्ठ 213-215
         प्रकलाश, निम्यल वमला्य, कवर िलारलार्ण िॉ अजर् िलावररर्ला आहद   संदभद्ध ग्थ
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         प्रमख िैं।                                            1.  संलक्षप्त ष्हदरी शब्दसागर - रलामचंद्र वमला्य, िलागरी प्रचलाररणी
                                                                          ं
                                                                  सभला, कलाशी संस्रण 1987
         भलारतीर् संस्ृवत शजस अिेकतला में एकतला को समलाहित नकए
                                                                           ं
         हुए िैं, वववि से उसकला र्ररचर् िम अिषुवलाद क मलाध्यम से िी   2.  ग्ोकल ष्हदरी - िॉ. रवव शमला्य ‘मधषुर्’ नकतलाबघर, िई हदल्ी
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         करवला सकते िैं। इसी प्रकलार वववि में जो भी श्ष्ठ शचति हुआ   संस्रण 2006
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         िै, जो भी मित्त्र्ण्य सलाहियि सृजि हुआ िै, जो भी वैज्लानिक-  3.  र्वदश में ष्हदरी : ब्स्वत और संभलाविलाए संर्ला. ओमप्रकलाश
                                                                                                        टि
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         तकिीकी उन्नवत हुई िै, उसे िम  हिदी में अिषुवलाद क मलाध्यम से   कजरीवलाल, ििरू स्लारक संग्िलालर्, तीि मूवत भवि, िई
         अर्िे दश क ललए उर्र्ोगी बिला सकते िैं।                   हदल्ी संस्रण 2004
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                                                               4.  ष्हदरी : दशा और ष्दशा – संर्ला. िॉ. मिेश हदवलाकर, वववि
                                                                    ं
         भलारतेंदषु िररचिंद्र िे शजस ‘निज भलाषला की उन्नवत’ की बलात की थी,   र्षुस्क प्रकलाशि, हदल्ी संस्रण 2014
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         वि भी अिषुवलाद क मलाध्यम से िी संभव िै। इसीललए भलारतेंदषु और   5.  ष्हदरी  :  राजभा्षा,  र्वविभा्षा,  जनभा्षा  –  संर्ला.  वीरेंद्र
                                                                    ं
         हद्वेदी र्षुग क अिेक सलाहियिकलारों िे श्ष्ठ ववदशी सलाहियि और   र्रमलार, िमि प्रकलाशि, िई हदल्ी संस्रण 2013
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         ज्लाि क ववषर्ों क मित्त्र्ण्य ग्ंथों को हिदी में अिहदत नकर्ला,   6.  राजभा्षा भारतरी, गृह मंरिालय, भारत सरकार, अक 129
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                                                                                                          ं
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         शजससे हिदी समृद्ध हुई। इि सब से र्ि शसद्ध िै नक सलाहित्यिक   अप्रैल-जूि 2010
         अिषुवलाद भलारतीर् संस्ृवत क वैश्विक ववस्लार में सिलार्क िै।
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                                                                                             n प्रो. रर्व शमाद्ध ‘मधुप’
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         उर्र्क्त वववेचि क आधलार र्र किला जला सकतला िै नक भलारतीर्                              प्रोिसर एवं अध्यक्ष
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                                                                                                    े
         संस्ृवत क वैश्विक ववस्लार में सलाहित्यिक अिषुवलाद की अयिंत            हिदी ववभलाग, श्ी रलाम कॉलेज ऑि कॉमस्य
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                                                                                ं
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         मित्त्र्ण्य भूवमकला रिी िै।                                                           हदल्ी ववविववद्यलालर्
                                                                                                                15
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