Page 12 - आवास ध्वनि
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साष्हत्यिक अनुवाद और
भारतरीय संस्ृर्त का वैशविक र्वस्ार
स्लाववत ववषर् र्र ववचलार करते समर् िमें इस
प्र
ववषर् में प्रर्षुक्त तीि र्दबंधों र्र अवश्य ववचलार कर
लेिला चलाहिए| सबसे र्िले सलाहित्यिक अिषुवलाद, दूसरला - भलारतीर्
संस्ृवत और तीसरला - वैश्विक ववस्लार। इि तीिों अवधलारणलाओं
को समझ लेिे से इस ववषर् कला सलांगोर्लांग वण्यि एवं ववश्षण
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सिज एवं स्वलाभलाववक ढग से िो र्लाएगला, ऐसला मेरला ववविलास िै।
सलाहित्यिक अिषुवलाद कला एक ववशेष रूर् िोतला िै, इसमें नकसी
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सलाहित्यिक रचिला को एक भलाषला से दूसरी भलाषला में अिहदत
नकर्ला जलातला िै। अिषुवलाद वलास्व में एक अयिंत जनटल नकत षु
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मित्त्र्ण्य प्रहक्रर्ला िै और अिषुवलाद कला सबसे जनटल रूर् िै -
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सलाहित्यिक अिषुवलाद। अिषुवलाद संस्त मूल कला एक तत्सम शब्द
िै, जो ‘वद’ धलात से र्िले ‘अिषु’ उर्सग्य जषुड़िे से बिला िै। इसकला और बहुहदशलागलामी सेत िै| अिषुवलाद र्ूरी दषुनिर्ला में निबला्यध
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शब्दलाथ्य िै – ‘नकसी किी हुई बलात क बलाद कििला’ र्ला ‘बोले गए
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कथि क बलाद नकर्ला गर्ला भलाषलांतरण’, भलाषलांतर, उल्ला, तजषु्यमला, आवलागमि सलभ करलािे वलालला मलाध्यम िै। अिषुवलाद दो दशों, दो
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हिर कििला। समलाजों, दो संस्ृवतर्ों को एक दूसरे से र्ररशचत करलािे, उिक
बीच सलामंजस्य स्लाहर्त करिे और उिमें आर्सी सद्भलाव र्ैदला
अनुवाद का स्वरूप करिे कला एक सशक्त मलाध्यम िै।
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प्रोिसर र्ूरि चंद टंिि कला मलाििला िै नक भलारतीर् संस्त भलारत में अिषुवलाद कलार््य को सलाधि ििीं, अहर्त सलाध्य मलािला गर्ला,
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सलाहियि में अिषुवलाद शब्द क संबंध में स्टि उल्ख तो ििीं शजसे सलाधिे क ललए सलाधिला की आवश्यकतला िोती िै। आज
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वमलते, नकत वैर्लाकरणों और कलाव्यशलास्त शचतकों द्लारला कलाव्य क दौर में ववहभन्न मशीिें अिषुवलाद करिे लगी िैं, नकत ध्यलाि दिला
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क स्वरूर्, कलाव्य क प्रर्ोजि, कलाव्य क िेत आहद क संबंध में िोगला नक मशीि िमलारी सिलार्तला क ललए िै, एक सलाधि मलारि िै,
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जो ववस्त ववश्षण-वववेचि नकर्ला गर्ला, उसी में प्रकलारलांतर से मशीि द्लारला नकर्ला अिषुवलाद सलाध्य ििीं िो सकतला। मशीि कभी
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अिषुवलाद कला भी संबंध हदखलाई दतला िै। मलािव कला स्लाि ििीं ले सकती। अिेक शब्द ऐसे िोते िैं, शजिक
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अिषुवलाद की र्ररभलाषला में कछ ववद्लािों द्लारला किला गर्ला िै नक एक से अशधक अथ्य उस भलाषला में िोते िैं और विलाँ उर्र्षुक्त शब्द
अच्ला अिषुवलाद वि िै, जो अिषुवलाद ि लगे। इस र्ररभलाषला में कला चर्ि करिला मलािव मत्स्ष्क कला िी कमलाल िोतला िै; विलाँ
िी अर्िे आर् में एक ववरोधलाभलास ववद्यमलाि िै। सलाहियि की मशीि प्रलार्: असिल िो जलाती िै। इसकला र्ररणलाम िोतला िै भ्रटि,
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नकसी अन्य ववधला क संबंध में िम ऐसी अर्क्षला ििीं रखते। िम अशद्ध और िलास्यलास्द अिषुवलाद।
कभी र्ि ििीं किते नक किलािी ऐसी िो जो किलािी ि लगे र्ला मलारि तथ्य र्ला शब्दों कला अिषुवलाद वलास्ववक अिषुवलाद ििीं िै,
कववतला ऐसी िो जो कववतला ि लगे। ऐसे में अिषुवलाद से इस प्रकलार अहर्त शब्दों में निहित अथ्य छटलाओं कला अिषुवलाद, सलांस्ृवतक
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की अर्क्षला करिला आकलाश से चलाँद-तलारे तोड़ ललािे क समलाि िी प्रतीकों, वमथकों-वबबों और अलंकलारों कला अिषुवलाद, मषुिलावरे-
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किला जला सकतला िै। लोकोशक्तर्ों और शब्द-शशक्तर्ों कला अिषुवलाद सवला्यशधक
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अिषुवलाद को र्हद सलांस्ृवतक सेत किला जलाए, तो कोई चषुिौतीर्ण्य िोतला िै। अिषुवलाद वलास्व में िूबकर र्लार उतरिे की
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अवतशर्ोशक्त ििीं िोगी। वलास्व में अिषुवलाद एक बहुआर्लामी कलला िै, इसमें जो र्ण्यत: िूब जलाते िैं, विी र्लार लग र्लाते िैं।
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