Page 11 - आवास ध्वनि
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उदू- उदू दलक्षण एशशर्ला क मसलमलािों द्लारला बोली जलाती िै। उदू ्य हिदी अर्िी इसी लचीलतला की ववशेषतला क कलारण आज
अशधकलांशतः िस्लालीक ललहर् में ललखी जलाती िै जो अरबी- बोलचलाल से लेकर मीनिर्ला (हप्रट और इलैक्ट्ॉनिक) व्यवसलार्,
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िलारसी ललहर् कला एक रूर् िै। उदू दलाए से बलाए ललखी जलाती हिल्म और बलाजलार की बड़ी भलाषला बि गई िै। अतः हिदी आज
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िै। भलारत में उदू दविलागरी ललहर् में ललखी जलाती िै। उदू तजषु्यमला वववि की सबसे समृद्ध भलाषला बि गई िै। वि हदि दूर ििीं जब
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क अखबलार, आवलाज, आरलाम, अदर, अिसोस, आदत, इन्कललाब, हिदी संर्षुक्त रलाष्ट संघ की आशधकलाररक भलाषला िोगी। भौगोललक
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इमलारत, गजल, जवलाि जैसे िजलारों शब्द हिदी में घलवमलकर क्षेरििल और आबलादी क ललिलाज से भलारत दषुनिर्ला में अर्िला
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इसकी खूबसूरती बढ़ला रिे िैं। निश्चित स्लाि रखतला िै लेनकि आजलादी क अमृतकलाल में भलारत
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चीिी भलाषला से चलार्, लीची, कलारतूस, शसदूर, चीक और चीिी शब्द दषुनिर्ला की तीसरी बड़ी अथ्यव्यवस्ला क सलाथ-सलाथ संस्ृवत और
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शजिसे िमलारे चीि क सलाथ आर्सी संबंद्धों को दशला्यते िैं। इसी भलाषला क आधलार र्र दश-दषुनिर्ला में अर्िला र्रचम लिरलाएगला।
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प्रकलार तौललर्ला, तंबलाक, आलला, अलमलारी, इस्लात और गोदलाम
n मोहन लाल मरीणा
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जैसे र्षुत्यगलाली शब्द भी हिदी िे आत्मसलात कर ललए िैं। इसी तरि, उर् निदशक (रलाजभलाषला)
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तोर्, करलाि, बलादलाम, बलाजलार, लश्कर, िफ्ला जैसे तषुककी भलाषला शब्द आवलासि और शिरी कलार््य मंरिलालर्
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और तलाजला, गललाब, जलाम, हदमलाग, हुिर और चरलागलाि जैसे र्शशर्ि निमला्यण भवि, िई हदल्ी
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शब्द हिदी जबलाि क अहभन्न अग िो गए िै।
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