Page 49 - चिरई - अंक-3
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लॉकिाउन - मानव जीवन क
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लॉक ि ाउन - मानव जीवन क
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ए एक नया युग
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ललए एक नया युग
कडाउन एक ऐसी नक्रया ह जो नकसी दश क लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने से सबधधत
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लॉ है। भारत में, लॉकडाउन, बल्कि ऐनतहाधसक लॉकडाउन पहली बार 25 माच्क से 14 अप्रैल,
2020 तक लागू नकया गया था। इसे 3 मई, 2020 तक और नफर 30 जून, 2020 तक बढ़ाया गया
था। यह वैधविक महामारी कोरोना वायरस को कम करने क धलए सरकार की पहल थी। आपातकालीन
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सेवाओं को छोड़कर, सब कछ बद और प्रनतबधधत था।
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पहला लॉकडाउन: यह 25 माच्क से 14 अप्रैल तक नोवेल कोरोनावायरस रोग: यह लॉकडाउन का सबसे
2020 तक पहली बार लागू नकया गया था। जब कछ महत्पूण्क और सबसे वांछनीय प्रभाव ह। नोवेल
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आवश्क नकराना दुकानों और स्वास्थ् सुनवधाओं को कोरोनावायरस अत्यधधक सक्रामक था, जो एक व्यनति
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िंजय क ु मेार घोि छोड़कर पूरा दश पूरी तरह से बद था। से दूसर व्यनति में तेजी से फलता था। लॉकडाउन ने
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चौकीदार (एि जी) दूसरा लॉकडाउन: दूसर लॉकडाउन की घोषणा 15 सोशल नडस्धसंग को प्रभावी बना नदया।
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अप्रैल से 4 मई, 2020 तक उसी ननयमों और अथ्कव्यवस्था: दशव्यापी लॉकडाउन अथ्कव्यवस्था क
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अधधननयमों क साथ लागू की गई थी। धलए अच्ा नहीं था और यह दश क आधथ्कक नवकास
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तीसरा लॉकडाउन: इसे 4 मई से 17 मई, 2020 और नवकास क धलए एक झटका था। पररवहन
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तक लागू नकया गया था लेनकन लॉकडाउन क इस ननलनबत होने से रलवे और सड़क पररवहन एजधसयों
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चरण में नदहाड़ी मजदूरों की मदद क धलए कछ नवशेष को करोड़ों का नुकसान होता था।
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टट्नें चलाई गईं थी। नवदश में फसे कछ लोगों को प्रदूषण स्र: यह लॉकडाउन का एक महत्पूण्क
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भी वापस लाया गया। इस ऑपरशन को "ऑपरशन सकारात्मक प्रभाव ह। सभी प्रकार क पररवहन को
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समुद्रसेतु" नाम नदया गया था। ननलनबत कर नदया गया था और साथ ही लोगों को
चौथा लॉकडाउन: इसे 31 मई तक लागू नकया गया अनावश्क रूप से घूमने से मना नकया गया था क्ोंनक
और आगे अलग-अलग राज्यों को उनक राज्य क वायु गुणवत्ता सूचकांक में भारी सुधार हुआ था।
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धजलों की ल्स्थनत क अनुसार नवस्ाररत नकया गया, ननष्कष्क: कोरोना वायरस महामारी पर लगाम लगाने
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क्षेत् में कोनवद मामलों क अनुसार तीन क्षेत्ों में और इसे सामुदानयक स्र पर फलने से रोकने क
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नवभाधजत नकया गया। क्षेत् में कछ मामलों क धलए धलए लॉकडाउन बहुत जरूरी था। इसक नकारात्मक
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नारगी जबनक नबना सक्रमण वाले क्षेत्ों क धलए हरा। प्रभावों क बावजूद, लॉकडाउन बहुत महत्पूण्क था।
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लॉकडाउन का प्रभाव:
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"भाषा पवचार की पोिाक ह।" - डलॉ. जानसन हडको, क्त्रीय काययालय, कोलकाता करी अर्वार्षिक हहन््दरी गह पहत्का
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