Page 50 - चिरई - अंक-3
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                                                  श
                                                  शर्िंज
                                                                      ं
                                                                      ज






























                                                 ं
                                                                                                 ं
                                               तरज  की  उत्नत्त  भारत  में  हुई  जो  ऑफ आक, आनद। शतरज में, एक ह भ्रांनत
                                                                                                           ै
                                                                                      ्क
                                         श फारस  और  बाद  में  अरब  तक  फै ल  है नक राजा कमजोर होता है। मैग्स काल्कसन
                                                                                                         ं
                                         गई।  अधधकांश  ऐनतहाधसक  राजा  नेतृत्  में  बादशाह का उपयोग माइनर पीस एडगेम्स में
                                                     ैं
                                                                                              े
                                                                                                         ैं
                                         नवशेषज् होते ह, तलवारबाजी में नहीं। 'रानी'  सबसे मजबूत पीस क रूप में करते ह। वे तीन
                                                                                  े
                                               े
                                                         े
                                          े
                                         क टुकड़ को पहले क रूपों में वज़ीर या वज़ीर  तरीक धजनसे राजा को पकड़ जाने की धमकी
                                                                                                   े
                                                                                                           ै
                                         या  वज़ीर  और  फरी  कहा  जाता  था।  महान  नदए नबना राजा को हराया जा सकता ह। शह
                                                       े
                                                                     े
                                         अकबर और अधधकांश अन्य राजाओं क मामले  और मात - राजा एक गलती करता ह और
                                                                                                            ै
                     े
                    दर्जानी मेोहरार      में यह रानी टुकड़ा 'बीरबल' जैसा पुरुष हुआ  जगह से भागने में असमथ्क ह, ध्वजारोहण -
                                                                                                     ै
                    वररष्ठ प्रर्िक (िर्चवीय)
                         ं
                                         करता  था।  रानी  का  टुकड़ा  नूरजहा  जैसी  शतरज  का  खेल  समय  से  बाहर  चला  गया
                                                                      ूँ
                                                                                 ं
                                                                                                       े
                                                                                           ै
                                                                                                    ं
                                                                                 ं
                                                                               ै
                                                         ै
                                                             ूँ
                                                                  े
                                         मनहला हो सकती ह, जहागीर क रूप में जो  ह इनगत करता ह नक प्रनतद्द्ी क पास कोई
                                                                                                   ै
                                         रोमन सम्ाट लिॉनडयस से नमलती-जुलती थी।  ऊजा्क और इस्ीफा नहीं ह - राजा खुद को
                                              े
                                                                                               ै
                                         मन्ती क रूप में रानी का टुकड़ा यूरोपीय प्रभाव  आत्मसमप्कण करता ह क्ोंनक वह सोचता ह  ै
                                                                         े
                                          े
                                                                 ै
                                         क कारण अप्रचधलत हो गया ह। यह पहली  नक लड़ाई जारी रखना व्यथ्क ह। शतरज की
                                                                                                      ै
                                                                                                           ं
                                         की एक शानदार सरणी क साथ आता ह जैसे  नबसात  से  राजा  का  मोहरा  नहीं  हटाया  जा
                                                                        ै
                                                            े
                                         नक रानी बौनडका, कट की रानी बथा्क, नॉमिंडी  सकता क्ोंनक राजाओं को मारा नहीं जाता था,
                                                        ें
                                                                                                               े
                                                                                 ें
                                                                                             ं
                                                           ें
                                         की  रानी  एम्ा,  एनक्टस  की  रानी  एलेनोर,  उन् नफरौती और लबे समय तक यातना दने
                                                                                       े
                                         फ्ांस की रानी इसाबेला, झांसी की रानी, जोन  क धलए इस्माल नकया जाता था।
                                                                               े
           50        अंक-3 :  अप्रैल 2022 - मार््च  2023                               "रामचररत मानस दहंिी सादहत् का कोहनूर ह।"
                                                                                                             ै
                                                                                              - यिोिानंिन अखौरी
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