Page 16 - तुतारी
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मेरा गाँव - मु ड जं जरा                              ी नवास दवट े


                                                                                                       उप  बंधक (आईटी)




                                           े
                                   ै
             मेरा  गाँव  मु ड  जंजीरा  ह  मुझे  मेर  गाँव  पर  नाज़  हI  मेर  गाँव  म     स   मु ड  जंजीर   क ा  हI ै
                                                         ै
                                                             े
             मु ड  जं जरा  मुंबई  से  160   कलोमीटर  दर ू   है  और  वह  रायगड   जले  म   आता  हैI  मु ड  जंजीरा  पय टक   ल  है  और
                                  े
             मुंबई  से  नजदीक  होने  क  कारण  पय टको  क   भीड़  लगी  रहती  ह ै
                                                                                                 े
                                                               े

             मु ड  जंजीर   क ा  चार   और  से  पानी  से   घरा   आ  होने  क  करण  इस   कल  को,  आईलड  फोट”  क  नाम  से  भी
                                                                              े

                                                                               े
                                                                                            ै
             जाना  जाता  ह।  यह   कला  भारत  म   ही  नह   ब    द  ु नया  म   अपनी  बनावट  क   लए  मश र  ह  और  हर  साल  इसे
                         ै
                                            ै
               े
             दखने  क   लए  लाखो  सैलानी  आते  ह।
                    े
                                                      े
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                                                                       े
                                                                                                   े
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             इस   कल  क   बनावट  ऐसी  ह   क  इस  पर  क े  क   लए  कई  बार  हमल   ए  ल कन  कोई  भी  इस   कल  क  अंदर  घुस
                                                                             े
                                                                                                े
                                 ै
                                                                             े
                                                                          े
                                                          े

             नह   सका।  यही  वजह  ह   क  350  वष   पुराने  इस   कल  को  अ ज    कल  क  नाम  से  भी  जाना  जाता  ह,   जसका
                                                                                                    ै
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             शा  क  अथ   होता  ह  –  अजेय।  40  फ ट  ऊची  दीवार   से   घरा  ये   कला  अरब  सागर  म   एक  टापू  पर  बना   आ  ह। ै
                              ै
                     े
             इस   कल  का   नमा ण  15  व   सदी  म    आ  था।  उस  समय   ानीय  मछआर   ने  समु ी  लटर  से  बचने  क   लए  एक
                                                                                                  े
                                                                                         े
                                                                       ु
                                                                                        े ू
                                                                                                      े
              वशाल  च ान  पर  मेदकोट  नाम  का  एक  लकड़ी  का   कला  बनवाया  था।  इस   कल  का   नमा ण  करने  क   लए
                                                                                    े
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             मछआर   क  सरदार  राम  पा टल  ने  अहमदनगर  क   नजाम  शाह  से  इजाजत  मांगी  थी।
                                                       े
                                                                                  े
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                                  े
             ल कन  लकड़ी  क   कल  का   नमा ण  पूरा  होने  क  बाद  अहमदनगर  स नत  क   नजाम  शाह  ने  मछआर   क े
               े
                                                       े
                                                                                                    ु
             सरदार  राम  पा टल  को  यह   कला  खाली  करने  को  कहा  ल कन  राम  पा टल  ने  यह   कला  खाली  करने  से  मना
                                                               े
             कर  दया।  जसक बाद अहमदनगर क सेनाप त पीरम खान एक  ापारी बनकर अपने सै नक  क साथ तीन जहाज
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                                                                                             े
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                                                                े
             लकर  प च  गए  और  उस   कल  पर  क ा  कर   लया।   जसक  बाद  अहमदनगर  स नत  का  नया  सेनाप त  बुरम
                                       े
                     ं
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                                                े
             खान  ने  उस  लकड़ी  से  बने  मेदकोट   कल  को  तुड़वा  कर  वहां  पर  प र   से  एक  मजबूत   कल  का   नमा ण   कया।
                      े
                                                                          ै
             इस   क   का   नमा ण  एक  ख़ास  वजह  से   कया  गया  था।  बताया  जाता  ह   क  इसका   नमा ण  22  वष   म    आ  था।
                                           ै
             यह   कला  22  एकड़  म   फला   आ  ह।  इसम   22  सुर ा  चौ कयां  ह।  कहते  ह   क     टश  और  पुत गा लय   स हत  कई
                                  ै



             मराठा  शासक   ने  इसे  जीतने  का  काफ    यास   कया  था,  ल कन  उ   कामयाबी  नह    मली।
                                                               े
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                                                                                                ै
             जंजीरा   कल  म    स ीक   शासक   क   कई  तोप   अभी  भी  मौजूद  ह,जो  हर  सुर ा  चौक   पर  रखी   ई  ह।  जैसे  कलाल
             बंगड़ी  तोप  जो  पंच  धातु  से  बनाई  ह। ै
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