Page 17 - तुतारी
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इसी कल क बीचोबीच एक बड़ा-सा महल भी था उसक अवशेष अभी भी दख जाते ह और पानी क दो बड़ तालाब
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भी ह। जंजीरा कल क अंदर दो पानी क छोट छोट तालाब भी बने ए ह, जसम से एक झील मीठ पानी क भी ह। ै
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समु क खार पानी क बीच होने क बाद भी इस झील म मीठा पानी कहा से आता ह, यह आज भी एक रह बना
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आ ह। माना जाता ह क इस कल म एक नगर भी था। जंजीरा कला स ी कय क राजधानी क प म स ह। ै
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जंजीरा कल क दीवार ब त ही मजबूत ह, जसम कल तीन दरवाजे ह। दो मु दरवाजे और एक चोर दरवाजा।
मु दरवाज म एक पूव क ओर राजापुरी गांव क तरफ खुलता ह, तो दस ू रा ठीक वपरीत समु क दशा म
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खुलता ह। आपको बता द क जंजीरा कल का दरवाजा दीवार क आड़ म बनाया गया ह। जो कल से थोड़ा दर ू जाने
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पर दीवार क कारण दखाई दना बंद हो जाता ह। इसी वजह से द न कल क पास आने क बावजूद भी कल म
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घुस नह पाते ह। इस कल पर जंजीरा क 20 स ीक शासक ने राज कया था, और अं तम शासक स ीक
मुह द खान था। स ी कय का शासन ख होने क साथ ही यहां क ब यां पलायन कर ग , और 330 वष
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बाद 3 अ ैल 1948 को यह कला आजाद भारत म शा मल कर लया गया।
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हमार गाँव म स ीक का महल भी हI वह मु ड म वेश करते ही दख जाता ह। ै
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हमार गाँव म नांदगाव का गणेश मं दर, द मं दर भी स द हI ै
मु ड जं जरा क ा कलाल बंगड़ी
राजवाडा ( स ीक का महल) नांदगाव का गणेश मं दर
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