Page 12 - आवास ध्वनि
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क निनामेंाकर्ण सं भाी रोोज़गाारो क अवसंरो खुल रो�े �ं। कागाजा परो करो रो�े �ं। आजा यांज्ञा, �वना, मिववा�-पद्धमित, संंस्कृारो-उत्सव
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अथावा कप्यूूटरो परो कोश-निनामेंाकर्ण भाी अबो उद्योोगा बोना गायांा आहिंदे क क्षेेत्री मेंं भाी देश-मिवदेश हिं�देी- अनाप्रौयांोगा परो निनाभाकरो
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�ै। प्रौकाशकं की देुनिनायांा मेंं, संरोकारोी, गारो-संरोकारोी भााषाा औरो �ोता जाा रो�ा �ै।
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संाहिं�त्य की संंस्थााओंं मेंं, शब्दावली औरो कोश-निनामेंाकर्ण भाी आजा वबो नि�जााइनिनागा �ो, कॉल संंटरो परो हिं�देी क मेंाध्यमें सं े
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हिं�देी मेंं रोोज़गाारो क अवसंरो पदेा करो रो�ा �ै।
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संंवादे की ब्धिस्थामितयांाँ �ं, ब्लॉॉगा रोाइनिटगा का क्षेेत्री �ो, अनावादे
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काद्रीीय ए�ं राज्य स्तरं पृर गृठिठात संंस्थााओंं तथाा अकाादामिमेंयं की स्वातत्री रूप सं कायांक करोना वाली एँजाजिसंयांाँ �ं यांा हिंट्वीटरो
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मेंं रोज़गृार परो लेखना करोनाे-करोाना वाली संंस्थााएँ �ं, इना संभाी क्षेेत्रीं मेंं
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भाी हिं�देी मेंं देक्षे एँव संक्षेमें प्रौयांो�ाओंं क लिलएँ रोोज़गाारो क
संाहिं�त्य अकादेमेंी, हिं�देी अकादेमेंी, भाारोतीयां भााषााओंं
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की अकादेमेंी औरो हिं�देी प्रौचारो को संमेंहिंपत संंस्थााएँ �ं यांा अनाेक अवसंरो उपलब्ध �ो रो�े �ं। आजा रोाजानाीमित क क्षेेत्री मेंं भाी
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अनावादे संंबोधी संंस्थााओंं का प्रौदेयां �ो, हिं�देी जिशक्षेर्ण-- नाारोे लिलखनाे, स्लोोगाना तयांारो करोनाे, पंच लाइना बोनााना क क्षेेत्री मेंं
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प्रौजिशक्षेर्ण मिवषायांक मिवश्वमिवद्योालयां �ं, प्रौकाशना संंस्थााएँ �ं भाी हिं�देी प्रौयांोगा-अनाप्रौयांोगा क द्वाारोा हिं�देी का आधुनिनाकीकरोर्ण
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यांा हिं�देी प्रौचारो-प्रौसंारो को संमेंहिंपत रोाष्ट्ीयां-अतरोरोाष्ट्ीयां में�त्त् भाी �ो रो�ा �ै औरो रोोज़गाारो क नाएँ द्वाारो भाी खुल रो�े �ं। आजा
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की संंस्थााएँ �ं, संभाी मेंं हिं�देी मिवषायांक रोोज़गाारो क अनाेक हिं�देी बोाजाारो की भााषाा, आयांात-निनायांात की भााषाा भाी बोना रो�ी
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अवसंरो �ं। �ै। आजा नाेट-फ्लि�क्स परो, एँमेंजाॉना परो भाी हिं�देी जिसंनामेंा, हिं�देी
धारोावाहिं�कं का एँक नायांा रूप उद्घाानिटत �ो रो�ा �ै। ‘कौना
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अन्य क्ष�ं मेंं रोज़गृार का अ�संर बोनाेगाा करोोड़पमित’ जासं हिं�देी कायांकक्रमें पच्चीसं वषां की संदेीघक
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हिं�देी ‘रोाजाभााषाा’, रोाष्ट् की भााषाा, संंपक भााषाा, संाहिं�त्यित्यक औरो यांात्रीा परोी करो लत �ं तो हिं�देी क भाावी-भामिवष्य औरो हिं�देी मेंं
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संजानाात्मक भााषाा, तकनाीकी, वैज्ञाानिनाक एँव प्रौौद्योोमिगाकीयां पदेा �ोना वाल अवसंरों क बोारोे मेंं संंकत करोत �ं। रोाष्ट्ीयां जिशक्षेा
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नाीमित 2020 ना भाी हिं�देी तथाा भाारोतीयां भााषााओंं को जिशक्षेा का
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मेंाध्यमें, अनावादे का मेंाध्यमें बोनाात हुएँ अकल्पनाीयां मेंागाक
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प्रौशस्त निकएँ �ं। कहिंत्रीमें मेंधा क क्षेेत्री मेंं, व्यूापारो तथाा मिवपर्णना
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क क्षेेत्री मेंं, फशना टेक् नाोलॉजाी औरो यांातायांात क क्षेेत्री मेंं भाी
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हिं�देी नाएँ प्रौमितमेंाना स्थााहिंपत करो रो�ी �ै। लघ एँव कटीरो उद्योोगां
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मेंं, पाक-कला क क्षेेत्री मेंं, प्रौदेूषार्ण-मिवषायांक जाागामित क क्षेेत्री
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मेंं, पयांावरोर्ण संंरोक्षेर्ण क क्षेेत्री मेंं, जाना-कल्याार्ण, जाना-जाागारोर्ण
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तथाा उड्डयांना आहिंदे क्षेेत्रीं मेंं भाी अबो हिं�देी पंख फला रो�ी �ै।
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क� संकत �ं निक अबो हिं�देी ना वैश्विश्वक ज्ञााना को आत्मसंात
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करोनाा औरो भाारोतीयां ज्ञााना-परोंपरोा को, �मेंारोे गाौरोवशाली अतीत
क्षेेत्रीं की भााषाा, मिवजिध एँव न्यायां की भााषाा, शासंना-प्रौशासंना को मिवश्व क संमेंक्षे उजाागारो करोनाा प्रौारोंभा करो हिंदेयांा �ै। हिं�देी ना े
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तथाा बोंक, बोीमेंा, मिवत्त औरो वालिर्णज्यो की भााषाा क रूप मेंं यांोगा को भाी वैश्विश्वक धरोातल परो लोकहिंप्रौयांता हिंदेलवा देी �ै।
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रोोज़गाारो क अनाेक अवसंरो पदेा करोती �ै। हिं�देी आजा �ोटलं, रोाष्ट्ीयां मिवकासं की यांोजानााओंं क प्रौचारो-प्रौसंारो मेंं, वना-संंरोक्षेर्ण,
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प्रौबोंधना, फशना, कनिकगा की देुनिनायांा, संाजा-संज्जाा क क्षेेत्री मेंं �ाक व्यूवस्थाा आहिंदे क संाथा-संाथा यांू-ट्यूूबो, व्हााट्सं एँप्प
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भाी अनामिगानात अवसंरो पदेा करो रो�ी �ै। देुनिनायांा क अनाेक देशं आहिंदे क द्वाारोा भाी हिं�देी वैश्विश्वक मेंंच परो प्रौमितष्ठाा पा रो�ी �ै। अबो
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मेंं हिं�देी जिशक्षेर्ण--प्रौजिशक्षेर्ण, लेखना, अनावादे, नााट्यू प्रौस्तमितयांं नाएँ-नाएँ �ाटक-अप की देुनिनायांा �ो यांा भाारोतीयां संमेंस्त कलाओंं
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आहिंदे की दृहिंष्ट सं भाी रोोज़गाारो क अवसंरो संृजिजात �ो रो�े �ं। को वैश्विश्वक भााषााओंं मेंं अतरिरोत करोना की, संभाी हिंदेशाओंं मेंं
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हिं�देी औरो अनावादे ना असंीमें अवसंरो रोोज़गाारो क खोल हिंदेएँ �ं।
आजा मेंौखिखक यांा अनाहिंदेत बोधाई-पत्री (ग्रेीनिटगा कार्ड्संक) की क� संकत �ं निक आधुनिनाकीकरोर्ण क इसं यांगा मेंं अबो हिं�देी भाी
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संामेंग्रेी क लेखना की हिंदेशा मेंं भाी नाएँ-नाएँ अवसंरो पदेा निकएँ आजाीमिवका की दृहिंष्ट सं आत्मनिनाभाकरो �ो गाई �ै।
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जाा रो�े �ं। भांटवाता, रोेनि�यांोवाता, टेलीड्राामेंा-लेखना, �ाक्योू-
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ड्राामेंा लेखना, रोेनि�यांो-नााटक लेखना, रोेनि�यांो चनालं परो मेंनाोरोंजाना u पृूरना चदा र्टूंडना
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कायांकक्रमेंं क प्रौसंारोर्ण भाी हिं�देी मेंं रोोज़गाारो क नाएँ अवसंरो पदेा प्रौो. हिंदेल्लीी मिवश्वमिवद्योालयां
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