Page 10 - चिरई - अंक-3
P. 10

िंदश
                                                                                                   े
















                                               डॉ. आलोक क ु मेार जोशी

                                               काययाकाररी ननदशक (राजभाषा)
                                                           षे





                                   मु    झे  जानकर  अत्यन्त  प्रसन्नता  ह  नक  हडको  क्षेत्ीय  काया्कलय,
                                                                   ै
                                         कोलकाता द्ारा राजभाषा गृह पनत्का 'धचरई' क तृतीय सस्रण
                                                                                       ं
                                                                               े
                                                          ै
                                   का प्रकाशन नकया जा रहा ह। गृह पनत्काओं क प्रकाशन से कम्कचाररयों
                                                                         े
                                   की  मौधलक  लेखन  प्रनतभा  का  नवकास  होता  ह  एव  राजभाषा  क
                                                                                            े
                                                                             ै
                                                                                 ं
                                   काया्कन्वयन तथा प्रचार-प्रसार की पृष्ठभूनम को भी महत्पूण्क आधार
                                             ै
                                   प्राप् होता ह। क्षेत्ीय काया्कलय द्ारा राजभाषा काया्कन्वयन तथा प्रचार-
                                                                             ैं
                                          े
                                                      े
                                   प्रसार हतु नकए जा रह प्रयास अत्यन्त सराहनीय ह।
                                                े
                                                                                    ं
                                                          े
                                        पनत्का क प्रकाशन क धलए मेरी हानद्कक शुभकामनाए।





                                                                    डलॉ. आिोक कुमार जोिी

                                                                    काय्ककारी ननदशक (राजभाषा)
                                                                               े









           10        अंक-3 :  अप्रैल 2022 - मार््च  2023                               "राष्ट्ीय एकता की कड़ी दहंिी ही जोड़ सकती ह।"
                                                                                                              ै
                                                                                             - बािकष्ण िमाया नवीन
                                                                                                 ृ
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