Page 27 - चिरई - अंक-3
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उत्ादन को भी ननरुत्सानहत कर सकती ह।
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बाजरा ननटट्या-अनाज अनाज पररवार से सबधधत ह ै
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जैसे चावल और गेहू का बाहरी आवरण खुरदरा होता ह।
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वे स्थूल पोषक तत्ों क साथ-साथ सूक्ष् पोषक तत्ों जैसे
काबपोहाइडट्ेट, प्रोटीन, आयरन, कल्शियम, मैग्ीधशयम,
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नवटानमन बी आनद दोनों क पोषक तत्ों क पावर हाउस
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ह। यह एटीऑल्सिडट और आहार फाइबर से भरा हुआ ह।
भारतीय बाजरा अनुसधान सस्थान ने बाजरा पर पूण्क शोध
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नकया और बाजरा क बार में जानकारी प्रदान की। दरअसल,
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चावल और गेहू ही ऐसे दो अनाज ह धजनका हम ज्यादातर
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एटीन्यूनटट्एट क रूप में काय्क करते ह जो शरीर में पोषक तत्ों क
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सेवन कर रह ह। आहार में नवधभन्न अनाजों को शानमल
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अवशोषण को रोकता ह। धभगोने से पोषक तत्ों क अवशोषण में
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करना बहुत महत्पूण्क ह क्ोंनक वे हमें नवधभन्न स्ोतों से नवधभन्न
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मदद नमलती ह।
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पोषक तत् प्रदान करते ह। कलोरी, काबपोहाइडट्ेट और वसा क
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मामले में बाजरा चावल और गेहू क समान ही होते ह। लेनकन भारत में बाजरा की नवधभन्न नकस्म उपलब्ध ह। इनमें प्रमुख
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बाजरा में अधधक प्रोटीन और अन्य पोषक तत् होते ह। बाजरा रूप से ह ैं
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को न्यूटट्ास्ूनटकल्स का दजा्क नदया जाता ह जो अच् स्वास्थ् को 1. ज्ार : वे ज्यादातर भारत क उत्तरी भाग, उत्तर प्रदश,
बनाए रखने क धलए ननयनमत अनाज और अनाज की तुलना में पजाब, महाराष्ट्, मध्य भारत और मध्य प्रदश में उगते ह। इनका
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अधधक स्वास्थ् लाभ दता ह। इनमें पाए जाने वाले एटीऑसिीडट शरीर पर ठडा प्रभाव पड़ता ह और गमती क नदनों में इन् नवशेष रूप
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की तुलना फलों और सल्जियों और ग्रीन टी से की जा सकती ह। से खाया जाता ह। ये ग्टन फ्ी होते ह। इसधलए गेहू असनहष्ता
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कीमत क धलहाज से बाजरा काफी सस्ा होता ह और इसे गरीब या लस प्रनतरोध वाले लोग या सीधलएक रोग वाले रोगी नबना
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आदमी का भोजन कहा जाता ह। सरकार का उद्श् स्ल क नकसी डर क खा सकते ह। इसे रोटी या भाकरी बनाने क धलए
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मध्याह्न भोजन, आगनवाड़ी कद्रों, छात्ावास क मेनू, रस्रां क करी, दधलया क साथ चावल क रूप में धलया जा सकता ह (ज्ार
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मेनू और यहां तक नक ससद की कटीनों और मनत्मडलों में इसका का आटा + गेहू का आटा 1:1 क अनुपात में)
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अधधकतम लाभ प्राप् करने और इसे लोकनप्रय बनाने क धलए 2. बाजरा : यह महाराष्ट्, गुजरात और राजस्थान क क्षेत्
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बाजरा आधाररत व्यजन का एक भोजन दना ह। लेनकन बाजर े में पाया जाता ह। यह प्रोटीन (10-15%) का एक समृधि स्ोत
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को बनाने से पहले 4-6 घट क धलए पानी में धभगो दना चानहए. ह। इसका ताप प्रभाव होता ह जो सनद्कयों क दौरान शरीर को गम्क
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क्योंनक अनाज की बाहरी सतह में फाइटट यौनगक होते ह जो एक रखता ह। इसे रोटी, भाकरी, पैनकक, मालपुआ आनद बनाने क
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धलए आट क रूप में इस्माल नकया जा सकता ह।
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3. रागी : यह कना्कटक में उगाई जाती ह। रागी पोषक तत्ों
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का पावर हाउस ह और इसे सुपर फड कहा जाता ह। रागी में
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12% प्रोटीन होता ह। मेधथओननन और लाइधसन की उपल्स्थनत
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क कारण, यह त्चा क धलए अच्ा होता ह जो झुररयों और
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ढीलेपन को रोकता ह। रागी क नवटानमन डी और कल्शियम का
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सयोजन बच्ों क साथ-साथ बुजुगषों क धलए भी शरीर क हनड्डयों
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क स्वास्थ् को बढ़ावा दता ह। रागी बच्ों और बच्ों क मल्स्ष्क
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क नवकास में मदद करता ह। यह युवाओं की त्चा और बालों क
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धलए भी अच्ा ह। रागी का उपयोग लड्ड, खीर, आटा, इडली,
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रोटी दधलया, धखचड़ी आनद बनाने में नकया जा सकता ह।
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"तुिसी, कबीर, नानक ने जो लिखा ह, उसे मैं पढ़ता हू तो कोई मुश्किि हडको, क्त्रीय काययालय, कोलकाता करी अर्वार्षिक हहन््दरी गह पहत्का 27
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नहीं आती।" - मौिाना मुहम्मि अिी