Page 22 - आवास ध्वनि
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₹ 100
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रोानाी की वाव भाारोत क गाजारोात रोाज्यो क पाटर्ण मेंं ब्धिस्थात प्रौजिसंद्ध बोावड़ी (संीढ़ीदेारो कआ) �ै। इसं जिचत्री को जालाई 2018 मेंं भाारोतीयां
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रिरोज़वक बोंक द्वाारोा ₹100 क नाोट परो जिचहिंत्रीत निकयांा गायांा �ै तथाा 22 जाना 2014 को इसं यांनास्कृो क मिवश्व मिवरोासंत स्थाल मेंं संस्टिम्मुलिलत
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निकयांा गायांा । क�त �ं निक रोानाी की वाव (बोावड़ी) वषाक 1063 मेंं संोलकी शासंना क रोाजाा भाीमेंदेव प्रौथामें की पत्नाी रोानाी उदेयांामेंमित
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ना बोनावायांा थाा। संीढ़ी यांक् त बोावड़ी मेंं कभाी संरोस्वाती नादेी क जाल क कारोर्ण गाादे भारो गायांा थाा। यां� वाव 64 मेंीटरो लबोा, 20
मेंीटरो चौड़ा तथाा 27 मेंीटरो गा�रोा �ै। यां� भाारोत मेंं अपनाी तरो� का अनाठा वाव �ै।
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11वं संदेी मेंं निनामिमेंत इसं ‘रोानाी की वाव’ को यांनास्कृो की मिवश्व मिवरोासंत संमिमेंमित ना भाारोत मेंं ब्धिस्थात संभाी बोावड़ी यांा वाव (�ेपवेल)
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की रोानाी का भाी खिखताबो हिंदेयांा �ै। इसं जाल प्रौबोंधना प्रौर्णाली मेंं भाजाल संंसंाधनां क उपयांोगा की तकनाीक का बो�तरोीना उदेा�रोर्ण
मेंानाा �ै।
₹ 50
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�म्पेी यांा मिवजायांनागारो मेंध्यकालीना हिं�देू रोाज्यो मिवजायांनागारो संाम्राज्यो की रोाजाधानाी थाी। तुंगाभाद्राा नादेी क तट परो ब्धिस्थात यां� नागारो
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अबो �म्पेी नाामें सं जाानाा जााता �ै औरो अबो कवल ख��रों क रूप मेंं �ी अवशषा �ै। भाारोत क कनााटक रोाज्यो मेंं ब्धिस्थात यां� नागारो
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यांनास्कृो क मिवश्व क मिवरोासंत स्थालं मेंं शामिमेंल निकयांा गायांा �ै। �रो संाल यां�ाँ �ज़ारों की संंख्या मेंं पयांकटक औरो तीथाकयांात्रीी आत े
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�ं। घानिटयांं औरो टीलं क बोीच पाँच संौ सं भाी अजिधक स्मृारोक जिचह्न �ं। इनामेंं मेंहिंदेरो, में�ल, त�ख़ाानाे, जाल-ख��रो, परोाना बोाज़ारो,
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शा�ी में�प, गाढ़, चबोूतरोे, रोाजाकोषा आहिंदे असंंख्य इमेंारोत �ं।
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