Page 65 - आवास ध्वनि
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                                                                अका�ा चांदा


                                                   खोयांा संा �ै शांतजिचत्त, शीत चांदे तन्हीा संफरो मेंं,
                                                                                  ु
                                                                                े
                                                    व� क पाबोदे हुएँ, बोसं धड़कनां क धना लिलएँ,
                                                              ं
                                                          े
                                                                                      े
                                                   ख्याल करोते, मेंलाल करोते, चलता करोता यां रोस्ते,
                                                   खामेंोशी संजााएँ �ोठं परो, मेंना मेंं कई संरोगामें लिलएँ,

                                                     ू
                                                   घरोता �ै वो आख छ ु पाएँ जाो तारोे �ं देूरो �ंसंत हुएँ,
                                                               ँ
                                                                                      े
                                                                 ं
                                                                             े
                                                                                     ं
                                                   ना थाा कोई जाबो जामेंीना परो, जाो देखकरो बोात करोे,
                                                                क
                                                                                          े
                                                  ना थाा कोई �मेंदेदे क�ं, उसंकी रोौशनाी की रोा� तक,
                                                  करोे इतजाारो आ�ं भारोे, मिबोखरोे चांदेनाी की तारोीफ करोे,
                                                      ं
                                                                े
                                                    नाज़रों की अपना संुइयांं मेंं, आशाओंं की �ोरोी भारोे
                                                                              े
                                                   निकसं �गा प अबो अगाला पगा, संपना यां�ी बोनात हुएँ
                                                            े
                                                                                       े
                                                                                    ु
                                                   यांूं �ी खोजात उसं �ाथा को, मेंना सं मेंना क संाथा को,
                                                                                  े
                                                                             े
                                                             े
                                                                                  े
                                                 चलता रो�ा यां� संफरो, परो ख्याल ना�ं इसं यांादे ना�ं ,
                                                   कोई �ै निनागाा�ं निटकाएँ हुएँ, �रो पल औरो �रो लम्हां
                                                  जाो �ै देूरो, परो थाामें �ाथा, �ोकरो संाथा परोी रोात चले,
                                                                 े
                                                                                 ू
                                                   वो �ै वहिं� एँकांत अकला, �ै बोा�ं खोल �रो लम्हां,
                                                                    े
                                                                                  े
                                                            व�ी आसंमेंां उसं चांदे की

                                                           जा�ां �रो तन्हीाई की रोात ढांल े
                                                           जा�ां �रो तन्हीाई की रोात ढांल े

                                                                                              रि
                                                                                                      ु
                                                                                           u रवितका गृ�ा
                                                                                               ु
                                                                                          प्रौजिशक्षे अजिधकारोी,
                                                                                         परिरोयांोजानाा, ��को



















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