Page 32 - Lakshya
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सूत्र नतत क ल ि और विधि
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अपन शरीर का अगर आप शुद्चधकरण करना चाित िो तो उसका
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सबस आसान तरीका िोता ि सूत्र ननत । इस मान ऱूपी यिंत्र को
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कक्रयाशील बनाय रिने क सलए इसकी सफाई और शोधन की
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आ श्यकता िोती ि । मनुष्य क शरीर ऱूपी यत्र का बािरी शोधन
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आसन क िररय िो िाता ि । शोधन करन क सलए िमें अनक
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प्रकार की कक्रया को करना पड़ता ि । नाससका क द् ारा सािंस ली
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िाती ि िो िमार प्राणों क सलए बित िी आ श्यक ि । मान को
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प्राणयाम क बाद कक्रयाओिं को भी करना सीिना चाहिए य कक्रया
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थोड़ी कहठन आ श्य िोती ि लककन िब िम ननयसमत ऱूप से
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करत ि तो इसें धीर-धीर सीि िाते ि । यि एक प्राण मागश िोता
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ि और इसक शोधन क सलए नेनत नामक कक्रया करनी पड़ती ि ।
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िब िम इसका अभ्यास ननयसमत ऱूप स करत ि तो इसक करने
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स िमें सदी, िुकाम, कफ, अननरा और साथ में मजस्तष्क में िान ाल रक्त में आक ॅ सीिन क प्रभा
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को ठीक करता ि ।
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सूत्र ननत कक्रया की व चध
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1. इस कक्रया को करन क सलए योग प्रकरण में उल्लणित धागा ल जिसकी लम्बाई बारि इच क
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आसपास िोती ि और इस बात का ख्याल रिें कक ो आपकी नाससका क नछर में आसानी स िा
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सक ।
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2. अब इस धाग को गुनगुन पानी में सभगो ल और इसका एक छोर नाससका नछर में डालकर मुि में
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बािर ननकाल ।
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3. यि प्रकक्रया बित िी ध्यान स करें । कफर मुि और नाक क डोर को पकड़ कर धीर-धीर उपर नीच
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िीचना चाहिए ।
4. इसक बाद इसी प्रकार दूसर नाक क छद स भी करना चाहिए ।
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5. इस कक्रया को एक हदन छोड़ कर करना चाहिए ।
सूत्र ननत करन क लाभ
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ननत दो प्रकार की िोती ि िल ननत और सूत्र ननत । इन दोनो ननतयों क द् ारा नाससका को स् च्छ
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बनाया िाता ि और सास को सुचाऱू ककया िाता ि, इसको करन स िमार शरीर को बित लाभ िोत ि
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िो इस प्रकार स ि -
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िब िम इस कक्रया को करत ि तब िमार हदमाग का भारीपन और तना दूर िो िाता ि, जिससे
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िमारा हदमाग सितमद रिता ि ।
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िब िम इस कक्रया को करत ि, तो िमारी नाससका मागश की सफाई तो िोती ि साथ में िमार कान,
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नाक, दािंत, गल आहद क रोगों का सामना निीिं करना पड़ता ।
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इसको करने स िमारी आिों की दृजष्ट ति िोती ि ।
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िब िम इस कक्रया को लगातार करत ि तो िमें सदी िुकाम और िािंसी की सशकायत निीिं रिती।
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यि कक्रया िमार सम्पूणश शरीर क सलए बित िी फायदमद साबबत िोती ि ।
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