Page 79 - आवास ध्वनि
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अनुवाद की भूष्मका


         अथद्ध                                                 चेतिला प्रबल रूर् से ववकशसत िोती हुई हदखती िै। जब भी
                                                                                              े
                                                                       े
                                                                   े
         नकसी भलाषला में किी र्ला ललखी गर्ी बलात कला नकसी दूसरी   दो दशों क रलाष्टर्वत वमलते िै तो उिक सलाथ एक अिषुवलादक
         भलाषला में सलाथ्यक र्ररवत्यि अिषुवलाद (Translation) किललातला   भी िोतला िै।
         िै। अिषुवलाद कला कलार््य बहुत र्षुरलािे समर् से िोतला आर्ला िै |   र्ववि संस्ृर्त में अनुवाद का महत्त्

                                                                                               े
         प्राचरीन युग में अनुवाद                               वववि की सभ्यतलाओं और संस्ृवतर्ों क ववकलास में अिषुवलाद
                                                   े
         प्रलाचीि र्षुग में मषुख्तः तीि प्रकलार की रचिलाओ ँ क अिषुवलाद   की ववशेष भूवमकला रिी िै। बौद्ध धम्य कला प्रचलार प्रसलार समूचे
         प्रलाप्त िोते थे। क्ोंनक इि तीि क्षेरिों में िी प्रलार्ः ग्न्थों की   एशशर्ला में अिषुवलाद की जीवंत र्रंर्रला कला र्ररणलाम िै।

                                                                                                               ं
         रचिला िोती थी। वें क्षेरि  - सलाहियि, दश्यि और धम्य। संस्त   वववि भर में गीतला तथला उर्निषद क ज्लाि कला अिषुवलाद अर्िे ढग
                                                         ृ
                                                                                          े
                                                                                                      े
                                                                         से नकर्ला जलातला रिला िै।  र्ंचतंरि क लघ संग्िों
                                                                                                           षु
                                                                         कला अिषुवलाद अरबी तथला अन्य र्ूरोर्ीर् भलाषलाओं
                                                                         में हुआ िै।
                                                                         व्ावसार्यक क्षरेरि में अनुवाद की भूष्मका
                                                                         वत्यमलाि र्षुग में अिषुवलाद ज्लाि की ऐसी शलाखला क
                                                                                                                े
                                                                         रूर् में ववकशसत हुआ िै जिलाँ इज्त, शोिरत

                                                                         एवं  र्ैसला  तीिों  िैं।  संववधलाि  में  हिन्ी  को
                                                                         रलाजभलाषला कला दजला्य हदए जलािे क बलाद से कन्द्
                                                                                                              े
                                                                                                    े
                                                                                  े
                                                                         सरकलार  क  कलार्ला्यलर्ों,  सलाव्यजनिक  उर्क्रमों,
                                                                         संस्लािों और प्रवतष्ठलािों में रलाजभलाषला ववभलाग की
                                                                         स्लार्िला हुई िै जिलाँ अिषुवलाद कलार््य में प्रशशलक्षत
          े
         क रलामलार्ण और मिलाभलारत ऐसे ग्न्थ िैं, शजिकला व्यलार्क स्र
         अिषुवलाद हुआ।                                         हिन्ी अिषुवलादक एवं हिन्ी अशधकलारी कलार््य करते िैं। आज
                                                                       े
                                                               रोजगलार क क्षेरि में अिषुवलाद सबसे आगे िै।
         आधुडनक युग में अनुवाद

                               े
         आधनिक र्षुग में अिषुवलाद क मलाध्यम से प्रलाचीि र्षुग क मिलाि
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                                                    े
         ग्न्थ अब ववहभन्न भलाषला भलावषर्ों को उर्लधि िोिे लगे िैं।
         आधनिक र्षुग में अिषुवलाद कला क्षेरि ववस्त िो गर्ला िै। ववज्लाि,
             षु
                                         ृ
         प्रौद्योवगकी,  शचनकत्सलाशलास्त,  प्रशलासि,  कटिीवत,  ववशध,
                                             ू
                 ्य
         जिसम्पक (समलाचलार र्रि इयिलाहद) तथला अन्य अिेक क्षेरिों क
                                                          े
         ग्न्थों और रचिलाओं कला अिवलाद भी िोिे लगला िै।
         इसक अवतररक्त अन्रला्यष्टीर् स्र र्र ववहभन्न रलाष्टों क बीच
                                                     े
             े
         रलाजिीवतक,  आशथक,  वैज्लानिक  और  प्रौद्योवगक  तथला
                         टि
         सलाहित्यिक और सलांस्ृवतक स्र र्र बढ़ते हुए आदलाि-प्रदलाि
          े
         क कलारण अिषुवलाद कलार््य की अनिवलार््यतला और मित्तला की िई

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